एक महिला के शरीर में यूटरस कितना जरूरी है यह बताने की जरूरत भले न हो, लेकिन जब यह दर्द और तड़पने का कारण बन जाए तो फिर क्या करना चाहिए...
का या 26 साल की है. वह फुटबाल खेलते समय असहनीय दर्द के कारण मैदान में ही गिर गई. उसे आननफानन में हौस्पिटल ले जाया गया. डाक्टर ने उस की जांच की. जांच में पता चला कि काया की पीरियड्स की ओवर ब्लीडिंग और दर्द से यह हालत हुई है. उस की हालत देख कर हौस्पिटल की गायनोकोलौजिस्ट डाक्टर ने उस के यूटरस को रिमूव करने की सलाह दी. काया अनमैरिड थी, इसलिए यूटरस रिमूव कराना इस उम्र और स्थिति में एक बोल्ड स्टैप था. लेकिन हैल्थ को देखते हुए काया और उस के पेरैंट्स ने यूटरस रिमूव कराना ही सही समझा.
वहीं दूसरी स्थिति नई दिल्ली के विकासपुरी इलाके में रहने वाली 34 साल की अंकिता श्रीवास्तव की है. वह बताती है, ‘‘कई दिनों से मु?ो बारबार टौयलेट जाने का प्रैशर महसूस होता था लेकिन यूरिन नहीं आता था. प्राइवेट पार्ट में जलन भी होती थी. जब हौस्पिटल जा कर डाक्टर को दिखाया तो ओवेरियन कैंसर निकला. यह सुनने के बाद मैं अंदर से टूट चुकी थी. मेरा 1 बेटा है. मैं फिर से मां बनाना चाहती थी लेकिन इस बीमारी ने मेरे सपनों पर पानी फेर दिया.
मैं अपना यूटरस नहीं निकलवाना चाहती थी. लेकिन मेरे हसबैंड ने मु?ो सम?ाया कि तुम्हारी हैल्थ हमारे बच्चे से ज्यादा जरूरी है और बच्चा तो हम सरोगेसी के जरीए या फिर गोद भी ले सकते हैं. हसबैंड की बातें सुन कर मैं ने यूटरस रिमूव करवाने का फैसला किया. यूटरस रिमूव कराने के बाद मेरी समस्या का समाधान हो गया.’’
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