महिला खिलाड़ियों में हारमोनल बदलावों जैसेकि ऐस्ट्रोजेन, प्रोजेस्ट्रौन और कोर्टिसोल की वजह से वजन बढ़ने की आशंका ज्यादा होती है.

इन बदलावों की वजह से उन का वजन काफी प्रभावित हो सकता है और इस के परिणामस्वरूप उन के प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ सकता है. बेहतर प्रदर्शन बनाए रखने और अपनी खेल की मांग को पूरा करने के लिए महिला खिलाड़ियों में हारमोन की वजह से वजन में होने वाले बदलावों को समझना और उसे नियंत्रित करना बेहद जरूरी है.

वजन बढ़ने के कारण

डा. बीना मुक्तेश, क्लीनिकल डाइरैक्टर फर्टिलिटी ऐंड आईवीएफ, मदरहुड फर्टिलिटी ऐंड आईवीएफ का कहना है कि विभिन्न कारणों से वजन बढ़ सकता है, लेकिन हम यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि महिला खिलाड़ियों में हारमोनल कारणों की वजह क्या हो सकती है.

हारमोनल बदलावों की वजह

ऐस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रौन जैसे हारमोंस में होने वाले बदलावों का महिलाओं के शरीर पर दिनभर काफी गहरा प्रभाव पड़ सकता है, खासकर मासिकचक्र के आसपास. इन हारमोनल बदलावों की वजह से वाटर रिटैंशन, भूख और मूड स्विंग की समस्या हो सकती है, जिस से वजन में तत्काल रूप से बदलाव हो सकते हैं.

उदाहरण के लिए ओव्युलेशन से ठीक पहले ऐस्ट्रोजेन अपने चरम पर होता है और इस से वाटर रिटैंशन हो सकता है और वजन बढ़ सकता है. वहीं दूसरी तरफ ओव्युलेशन के बाद प्रोजेस्ट्रौन बढ़ जाता है और यह पाचन की गति को धीमा कर सकता है.

कई बार इस से ब्लौटिंग और वाटर रिटैंशन की समस्या होने लगती है. इन वजहों से दिन के अलगअलग पहर में शरीर में भारीपन या ब्लौटिंग महसूस होती है. इस के साथ ही ब्लड शुगर को नियंत्रित करने वाला हारमोन इंसुलिन, शरीर के वजन को बढ़ा सकता है.

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