अनुष्का अभी महज 30 साल की थी लेकिन प्यार में मिले धोके को वो झेल नहीं पाई और कभी डिप्रैशन तो कभी एंग्जायटी का शिकार हो गई. साथ ही, उसकी इमोशंस भी काफी अस्थिर हो जाते जिस कारण वह बौर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऔर्डर से पीड़ित हो गई. जो उसके और परिवार वालों के लिए परेशानी की वजह बन गया.
क्या है बौर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऔर्डर
बौर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऔर्डर मानसिक बीमारियों का समुदाय है इस बीमारी में आमतौर पर व्यक्ति में 9 लक्षण होते हैं . जिस व्यक्ति में उनमें से 5 लक्षण भी दिखाई देते हैं तो वो इस बीमारी से पीड़ित होता है. हावभाव ,अत्यधिक चिंता,खुद को अकेला और खालीपन महसूस करना , रिश्तों में स्थिरता न रहना , कभी किसी के साथ रिश्ता जोड़ना तो कभी किसी और के साथ रिश्तों में ठहराव न होना एक ही पल में किसी को खुद से ज्यादा प्यार करना और दूसरे ही पल में उसे गालियां देना. इसे मेडिकल लाइन में यो यो रिलेशनशिप कहते हैं. जिसमे बहुत ज्यादा करीब आ जाना और पास आ कर दूर चले जाना. एकदम बहुत अधिक गुस्सा आ जाना ,जिसके चलते पता भी नहीं होता कि मरीज क्या कर रहा है. हमेशा किसी को खो देने का डर बना रहना , तुम्हे यह लगना कि जिसको तुम प्यार करती हो वो तुम्हे छोड़ जाएगा . इसलिए बारबार फ़ोन करना ,जरूरत से ज्यादा किसी की फिक्र करना, दूसरों पर शक करना , मन में बारबार आत्महत्या के विचार उतपन्न होना , अपने ही बारे में एक सोच नहीं रख पाना. ये सभी बौर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऔर्डर के ही लक्षण हैं. यह बीमारी होकर भी बीमारी नहीं है बल्कि यह व्यक्तित्व का एक हिस्सा है जिसे व्यक्ति खुद से ही जीत सकता है.
इलाज
इसके लिए DBT करनी होती है जिसे डिएलेक्टिकल बिहेवियर थेरेपी कहते हैं इसमें इलाज को पांच हिस्सों में बांटा जाता है. जो हैं- व्यक्तिगत चिकित्सा, समूह कौशल प्रशिक्षण, माइंडफुलनेस , आवश्यकतानुसार फोन पर सलाह देना, हिम्मत बनाए रखने के लिए काउंसलिंग और रोगी की देखभाल का प्रशिक्षण दिया जाता है. जिससे व्यक्ति अपनी भावनाओ पर किस तरह काबू पाकर एक साधारण जीवन व्यतीत कर सकता है. जरूरत पड़ती है, तो आपको दवाइयां भी दी जाती हैं लेकिन थैरेपी थोड़े लम्बे टाइम तक चलती है. सेशन के दौरान सिखाई गई बातों को रोजमर्रा की जीवनशैली में अपनाना होता है.
कैसे बचें
- नकरात्मक विचारों से दूरी बनाएं
- खुद को कंट्रोल करना सीखें.
- परिवर्तन के साथ तालमेल बना कर रहें.
- किसी भरोसेमंद से अपने मन की बात साझा करें.
कारण
आनुवंशिक,हार्मोन असंतुलन,तनाव, बड़े हादसे होना जैसे मातापिता या बच्चों की मृत्य ,प्यार में धोखा,करीबी रिश्ता टूटना ,घरेलू हिंसा के ईद-गिर्द बचपन बीतना ये सभी इसके कारण हैं .