मौडर्न एक्सरसाइज के क्षेत्र में पिलेट्स ने अपना एक अलग मुकाम बना लिया है. हमारी जीवनशैली ऐसी हो गई है कि हमें बहुत समय तक बैठे रहना पड़ता है, जो बहुत हानिकारक साबित होती है. ऐसे में पिलेट्स वर्कआउट से शरीर में लचीलापन आता है. आप की उम्र, लिंग या फिटनैस बैकग्राउंड कोई भी हो, पिलेट्स वर्कआउट में शरीर को ढेरों फायदे होते हैं. इस से आप को ध्यान केंद्रित करने, शरीरिक मुद्रा और बौडी अलाइनमैंट सुधारने के अलावा शारीरिक ताकत बढ़ाने में भी मदद मिलती है.

पिलेट्स के बारे में कई तरह की धारणाएं हैं और आधी जानकारी के आधार पर कुछ भी करना खतरनाक हो सकता है. इसलिए पिलेट्स है क्या, यह कैसे काम करती है इस की जानकारी होनी बहुत जरूरी है. यहां वे 5 बातें बताई जा रही हैं, जिन की जानकारी आप को पहली पिलेट्स क्लास से पहले होनी चाहिए.

पिलेट्स क्लासेज 2 प्रकार की होती हैं: मैट पिलेट्स और रिर्फोर्मर पिलेट्स. मैट क्लासेज आप ऐक्सरसाइज मैट पर करते हैं ताकि आप के प्रैशर पौइंट्स को कुशन मिले या फिर एक मशीन पर व्यायाम कर सकते हैं जिसे रिर्फोर्मर पिलेट्स कहते हैं. यहां एक स्लाइडिंग प्लेटफौर्म होता है, जिस में स्टेशनरी फुटबार, स्प्रिंग्स और पुलीज होती हैं जो बौडी टोनिंग के लिए रिजिस्टैंस प्रदान करती हैं.

आमतौर पर एक अच्छा पिलेट्स स्टूडियो दोनों तरह की ऐक्सरसाइज के लिए व्यवस्था रखता है. यह आप को इस बात की स्वतंत्रता देता है कि आप अपने शरीर के मुताबिक उपयुक्त तरीके का चुनाव करें. किसी भी एक तरह के वर्कआउट के लिए सहमति से पहले आप के लिए यह जानना जरूरी है कि इस का वर्कआउट रूटीन औसत 45 मिनट से ले कर 1 घंटे तक का होता है. दोनों ही विकल्प अंतहीन मांसपेशियों को थकाने के बजाय नियंत्रण के सिद्धांत पर काम करते हैं.

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