मौसम के अनुसार दौड़ने के समय में परिवर्तन किया जा सकता है. गरमियों में सुबह 5 से 7 बजे के बीच का समय अनुकूल हो सकता है, जबकि सर्दियों में सुबह 7 से 8 बजे के दौरान दौड़ सकते हैं. गरमी में डिहाइड्रेशन की आशंका अधिक रहती है. अत: दौड़ने से पूर्व पानी अवश्य पीएं, क्योंकि दौड़ने में पसीना बहुत निकलता है. सर्दियों में मांसपेशियों को गरम रखना जरूरी है. इस के लिए वार्मअप किया जा सकता है.
यदि आप किसी कारण मौर्निंग में दौड़ना नहीं चाहते, तो यह कार्य ईवनिंग में भी कर सकते हैं. यह ध्यान रहे कि ईवनिंग स्नैक्स और दौड़ने के बीच 3 घंटे का अंतर अवश्य हो. खाते ही दौड़ना ठीक नहीं.
दौड़ने के लिए जगह भी उपयुक्त होनी चाहिए. बेहतर होगा कि लंबाचौड़ा मैदान हो या फिर ऐसी सड़क हो, जिस पर वाहनों की आवाजाही नहीं हो अन्यथा दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है. दौड़ने वाली जगह समतल हो तो अच्छा है. अधिक चढ़ाई या उबड़खाबड़, गड्ढों वाली जगह नहीं दौड़ना चाहिए.
रोजाना कितने समय या कितनी दूरी तक दौड़ा जाए, इस संबंध में कोई निश्चित पैमाना नहीं है. इस का संबंध व्यक्ति की उम्र, लिंग और शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है.
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दौड़ने से पहले
कुछ लोग नंगे पैर दौड़ते हैं जोकि ठीक नहीं है. दौड़ने के लिए विशेष किस्म के जूते मिलते हैं, उन्हें पहन कर ही दौड़ना चाहिए. जूते आप के पैरों की नाप के अनुसार ही हों. दूसरे के जूते पहन कर दौड़ना जोखिमभरा हो सकता है. अच्छे जूते दौड़ते समय पैरों को सपोर्ट देते हैं अन्यथा वे दौड़ने में बाधक भी बन सकते हैं.