आज हैल्थ बनाने के लिए लोग भरपूर मात्रा में प्रोटीन बार, प्रोटीन शेक, प्रोटीन बौल्स वगैरह खाते हैं. आजकल बाजार में कई तरह के प्रोटीन पाउडर व सप्लिमैंट्स उपलब्ध हैं. सेहत को ले कर जागरूक होने को लोग यह मानते हैं कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन लेना चाहिए. लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती कि प्रोटीन सप्लिमैंट्स का सेवन कितना व किस तरीके से करना चाहिए. प्रोटीन ज्यादा खाना किस तरह नुकसानदेह हो सकता है.
क्या होता है प्रोटीन
प्रोटीन हमारे शरीर के लिए जरूरी मैक्रोन्यूट्रिऐंट्स में से एक है. इस के अलावा 2 अन्य मैक्रोन्यूट्रिऐंट्स फैट और कार्बोहाइड्रेट हैं. प्रोटीन एक ऐसा मैक्रोन्यूट्रिऐंट है, जो हमारे मसल मास के निर्माण के लिए आवश्यक है. प्रोटीन हमारे शरीर के विकास और मरम्मत के लिए जरूरी है. ज्यादा प्रोेटीन वाली चीजें जैसे दूध से बने पदार्थ, मांस, अंडे, मछली और दालें शरीर बनाने के लिए आवश्यक हैं. जब हम ऐसी चीजें खाते हैं तो हमारे पेट में इन्हें अमीनो ऐसिड में तोड़ने का काम छोटी आंत करती है. यहां से अमीनो ऐसिड हमारे लिवर तक पहुंचता है. लिवर यह तय करता है कि हमारे शरीर के लिए जरूरी अमीनो ऐसिड कौन सा है. उसे अलग कर बाकी को शरीर मूत्र के जरीए बाहर निकाल देता है.
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कितना लेना चाहिए
जो वयस्क ज्यादा दौड़भाग या मेहनत का काम नहीं करते उन्हें अपने शरीर के प्रति किलोग्राम वजन के लिए रोजाना करीब 0.75 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए. औसतन यह मात्रा पुरुषों के लिए 55 ग्राम और महिलाओं के लिए 45 ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से सही रहती है.बौडी बिल्डिंग और मांसपेशियों के विकास के लिए अधिक प्रोटीन जरूरी है. ज्यादा व्यायाम करने से मांसपेशियों में मौजूद प्रोेटीन टूटने लगता है. ऐसे में मांसपेशियों को ताकतवर बनाने के लिए प्रोटीन ज्यादा मात्रा में लेना होता है ताकि लगातार मसल्स की मरम्मत होती रहे. इस कार्य में प्रोटीन में पाया जाने वाला ल्यूसिन नाम का अमीनो ऐसिड बहुत मददगार होता है.बुजुर्गों को भी खानपान के अलावा सप्लिमैंट के तौर पर भी प्रोटीन लेने की जरूरत होती है. उन्हें अपने वजन के प्रति किलोग्राम के हिसाब से 1.2 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है.