महिलाऐं अपने जीवन में कई तरीके के किरदार निभाती हैं - वो दोस्त होती हैं, मां भी होती हैं, बेटी भी होती हैं, पत्नी भी होती हैं और बहु भी होती हैं और ऐसे ही वे कई कई तरह के किरदार निभाती हैं. जीवन में बहुत सारे ऐसे मौके आते हैं जब कोई बात उनके मन को या हृदय को ठेस पहुंचती है जिसकी वजह से महिलाएं डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि महिलाओं को डिप्रेशन  किस तरह प्रभावित करते हैं और वो इससे कैसे उबर सकती हैं इनके प्रकार क्या है.

डिप्रेशन के प्रकार-

मोटिवेशनल स्पीकर शिवांगमाथुर का कहना है, डिप्रेशन कई तरह के होते हैं, पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, पोस्ट परचम डिप्रेशन, प्रे मेंस्ट्रुअल डिप्रेशन जैसे ही कई तरह के मैसिव डिप्रेशन होते हैं जो काफी लम्बे अरसे तक महिलाओं के जीवन में बने रहते हैं. बहुत बार महिलाओं को अपनी निजी ज़िन्दगी के कामों को करते और अपनी अनगिनत ज़िम्मेदारियों को निभाते हुए ये मालुम ही नहीं पड़ता है की वे डिप्रेशन से जूझ रही हैं. उनके लिए इससे बहार निकल आना काफी कठिन होता है. तो सबसे बड़ा सवाल यह है की महिलाएं किस तरीके से इस डिप्रेशन से बहार आ सकती हैं.

डिप्रेशन से बाहर कैसे निकले-

महिलाओं को ये समझने की बहुत आवश्यकता है की अगर उन्हें ऐसा लगता है की उनके जीवन में खुशियों की कमी है, निराशापन ज़्यादा है, उदासीनता ज़्यादा है, तो किसी भी तरीके से वे यह कोशिश करें की वे इस बारे में अपने करीबी लोगों से, जिन पर उन्हें विश्वास है, उनसे बात करें. वे अपना दुःख उनके साथ बाटें. ऐसा करने से उनका मन हल्का होगा और उनका जो दर्द है वो बहार निकल पाएगा.

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