युवा महिलाओं में एक बीमारी बहुत कौमन है और वह है मल्टीपल स्क्लेरोसिस. यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर हैं. ऑटोइम्यून का मतलब होता की बॉडी अपने ही कोई बॉडी का पार्ट या सेल के अगेंस्ट काम करना शुरू कर देती है. हमारी न्युरोंस को आपस के कम्युनिकेट करने के लिए उनके ऊपर एक शीट होती हैं जिसको हम मायलिन शीट कहते हैं. ये शीट एक दूसरे न्यूरॉन में सिग्नल भेजने और कम्युनिकेट करने में हेल्प करती हैं. इस इम्यून डिसऑर्डर में हमारी मायलिन शीट, जो हमारी नर्व के उपरवाला कवर है, डैमेज हो जाता है जिससे उनका कम्युनिकेशन लिंक टूट जाता हैं और इस बीमारी के लक्षण आने शुरू हो जाते हैं.
मल्टीपल स्केलेरोसिस डिजीज हमारे ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड को इफेक्ट करता है. साथ में ऑप्टिक नर्व को भी इंवॉल्व करता है.
हमें कैसे पता चलेगा कि हमें ये समस्या है
यह बीमारी कॉमन रूप से फीमेल में होती है खासकर बीस साल से लेकर तीस पैंतीस साल तक की महिलाओं में अक्सर देखी जाती है. इस में लक्षण हमेशा पर्सन टू पर्सन या मेल टू फीमेल वेरी करते हैं.
कुछ कॉमन लक्षण हैं; आँखों की रौशनी धुंधली पड़ जाना. वन हाफ बॉडी का सुन्न हो जाना, शरीर का एक हिस्सा वीक हो जाना या बॉडी में करंट वाली लहरे दौड़ना. गर्दन को जब हम हिलाते है और पूरी बॉडी में खासकर गर्दन के नीचे करंट वाली लहरे दोड़ रहीं हैं तो उसका मतलब है कि इस बीमारी की शुरुआत हो चुकी है. इसी तरह जब आप को दो दो चीजें दिखने लग जाए, एक साइड की बाजु, टांग, बेस सब सुन्न हो जाए, चल रहे हैं तो ऐसे लगे जैसे लड़खड़ा के चल रहे हैं तो समझिए इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. .
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