आज के इस दौर में छोटी से छोटी समस्या भी बड़ी लगने लगती है क्योंकि कम उम्र में ही कई लोग गंभीर बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं. जिसके चलते हम यह बिलकुल नहीं चाहते कि हम खुद की या किसी अपने की सेहत के साथ लापरवाही बरतें. महिलाओं में ऐसी ही एक समस्या है ब्रेस्ट में दर्द होना. जिस के कारण कभी कभी वह खुद को काफी तनाव में महसूस करती हैं जिस का कारण ब्रैस्ट कैंसर का भय होता है . लेकिन ब्रेस्ट में दर्द होना एक ऐसी समस्या है जिसका सामना अधिकतर महिलों को अपने जीवन काल में कभी न कभी करना पड़ता है . इस दर्द को मास्टालजिया का दर्द कहा जाता है. आज इस लेख में हम आपको मास्टालजिया के कारण ,बचाव और उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं.
मास्टालजिया का दर्द कई कारणों से हो सकता है। जैसे की हार्मोन्स में बदलाव , इन्फेक्शन , मासिक चक्र में असामानता, गलत ब्रा का चयन , स्तनपान और सूजन आदि ब्रेस्ट में दर्द का कारण बन सकते हैं।
कारण
संक्रमण हो सकती है वजह
ब्रैस्ट फीड कराने वाली महिलाओं में यह एक आम बात हैं आमतौर पर शुरुवाती तीन महीने में उन्हें अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता हैं . यह संक्रमण ब्रैस्ट के मेमोरी ग्लैंड में होता हैं इस स्थति में ब्रेस्ट की टिशूज में इंफ्लेमेशन, दर्द, लालिमा ,सूजन,जलन , बुखार, हो सकता है.
मासिक धर्म के दौरान
मासिक धर्म के समय हार्मोन लेवल में उतार-चढ़ाव होता है जिस कारण पीरियड्स की डेट नजदीक आने पर यह दर्द होने लगता है. व पीरियड्स खत्म होने पर दर्द एक दो दिन में ही ठीक हो जाता है . कभी कभी इस दर्द की अवधि 5 से 10 दिन भी हो सकती है. साथ ही मेनोपोज़ के बाद स्तनों में आए बदलाव के कारण भी इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
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