इन बातों का भी ध्यान रखें
- उम्र बढ़ने के साथसाथ बच्चे की भूख पर असर पड़ता है. जो उसे आज पसंद होता है, उसे वह अगली बार खाना पसंद नहीं करता. फिर भी आप हार न मानें, क्योंकि टेस्ट चेंज होता रहता है.
- खाना खिलाने के लालच में बच्चे को स्वीट आफर न करें, क्योंकि यह सिर्फ बच्चे की स्वीट क्रेविंग को बढ़ाने का काम करता है. कभीकभार ही यह सही होता है. इस की जगह बच्चे को योगर्ट खिलाएं, क्योंकि यह न्यूट्रिएंट्स में रिच होने के कारण इम्युनिटी को बूस्ट करने का काम करता है.
- खाने में ज्यादा मसालों का इस्तेमाल न करें, क्योंकि कुछ बच्चे मसालों व खाने से आने वाली बहुत तेज महक के कारण खाना खाना पसंद नहीं करते हैं.
- जब बच्चे को बहुत तेज भूख लगी होती है, तब उसे वे सब चीजें खिलाने की कोशिश करें, जो अकसर बच्चा पहले खाने में आनाकानी करता है, क्योंकि तेज भूख के कारण वह ये सब सोच ही नहीं पाता है.
- खाना छोटीछोटी बाइट्स में ही खिलाएं.
मेरा बच्चा खाना नहीं खाता है, हर खाने को देख कर पहले ही मुंह बना लेता है, रोटीसब्जी तो जैसे उस के गले से ही नहीं उतरती है, चाहे कितनी हैल्दी डिश बना दें, फिर भी चख कर नहीं देखता है. हर समय आगेपीछे घूमने के बाद भी नहीं खाता है. कभी कुछ खा भी लिया तो अगली बार उसे हाथ भी नहीं लगाता, कभी किसी सब्जी का टेस्ट पसंद नहीं आता तो कभी किसी का कलर. रोज खाने के प्रति लाइकिंगडिसलाइकिंग बदलती रहती है. लेकिन बाहर की चीजें, फास्टफूड जैसे मैगी, पास्ता, पिज्जा, बर्गर जितना मरजी व जब मरजी खिला दो, खुश हो कर खा लेता है.
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