हर साल स्कूल के बाद जब गर्मियों की छुट्टियां होती है तो हमें बस राजस्थान जाने का इंतजार रहता है. हर साल छुट्टियों में सुनहरी यादें जमा करने हम लोग राजस्थान जाते थे. जिन यादों ने हमारे बचपन में रंग भरे उन्हें दोबारा जीने के लिए अब फिर हमने राजस्थान जाने का मन बनाया है. हमारे इस सफर का हमसफर बना है नया Hyundai i20 जिसका iMT गियरबॉक्स टर्बो GDI यूनिट के साथ वाकई कमाल है.
हम दिल्ली से करीब 110 किमी दूर आ चुके हैं, यहां से हमारी मंजिल ज्यादा दूर नहीं है. मंजिल तक पहुंचने के सफर में जैसे ही हम आगे बढ़े तो रेत के तूफान से हमारा पाला पड़ा जिसने सिंगल लेन को पूरी तरह रेत से ढक दिया. आसमान में चढ़ते सूरज की किरणों तले ये नजारा इतना अविस्मरणीय और अद्भुत लग रहा था, मानो राजस्थान के दूर तक फैले विशाल रेत ने सोने की चादर ओढ़ ली है. हमने भी इस नजारे का लुत्फ उठाने के लिए अपनी Hyundai i20 को बरगद के पेड़ के नीचे खड़ा किया और जी भर कर उस दृश्य का आनंद लिया.
दिलचस्प बात है कि इस सफर में हमारा साथी बनने के लिए हमारे पास कई गाड़ियों के ऑप्शन थे लेकिन जब गाड़ी चुनने की बात आई तो सभी ने सर्वसम्मति से Hyundai i20 को चुना. हमारे नियमित पाठकों को लग रहा होगा कि ये Hyundai i20 वही है जिसे हम कुछ महीने पहले ग्रेट इंडिया ड्राइव पर ले गए थे. लेकिन बात तब की करें या अभी की Hyundai i20 का शानदार iMT गियरबॉक्स ही है जिसने हमें इसे चुनने के लिए मजबूर किया. ये कहना भी गलत नहीं होगा की Hyundai का iMT गियरबॉक्स हाल में हुआ ऑटोमोटिव सेक्टर में सबसे शानदार इनोवेशन है.
अलवर के पास स्थित दधिकर किले के लिए हम निकले हैं जिसका इतिहास हजारों साल पुराना है लेकिन अब इसे आधुनिक रुप दे दिया गया है जिसमें ट्रेवलर्स की सुख-सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है. ये ठीक वैसा है जैसे मेनुअल गेयरबॉक्स के जमाने में iMT. हम सभी को मेनुअल पसंद है और इस पुरानी तकनीक को आधुनिक युग में अपनी अहमियत बनाए रखने के लिए कुछ पुनर्विचार की जरुरत थी और नए iMT के साथ पहले हिमालय और अब मैदानी इलाकों में ड्राइव के बाद हम ये कह सकते हैं कि ये तकनीक कमाल की है.
सफर के मजे लेते हुए कब हम किले तक पहुंच गए ये पता ही नहीं चला. एक छोटी पहाड़ी पर बने दधिकर किले के पीछे बड़ा सा पड़ाड है जिससे इस किले की भव्यता और बढ़ जाती है. दिन ढलने को था तो हमने भी अपने सफर के बाद डिनर किया और सो गए.
अगली सुबह हमने आसपास के एरिया में घूमने का सोचा तो दधिकर किले से कुछ दूर स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व का ख्याल मन में आया लेकिन हम टाइगर के सुबह का नाश्ता नहीं बनना चाहते थे तो हमने इस आइडिया को ड्रॉप किया. फिर हम बफर जोन में जाने के बजाए गांव के रास्ते निकले. कुछ ही देर में हम सिलीसेढ़ झील के किनारे थे. अलवर के लोकप्रिय स्थानों में से एक सिलीसेढ़ लेक पर मौजूद टूरिस्टों की भीड़ के बावजूद, हम झील के किनारे ऐसी जगह खोजने में कामयाब रहे जहां हमने हमारे i20 के ट्रंक को पिकनिक टेबल बनाकर छाछ और कचौड़ियों का लंच किया.
कुछ घंटे झील के किनारे बिताने के बाद हम आस-पास की ओर जगह घूमने निकले. ऐसे में i20 हमारा बेहतरीन पार्टनर साबित हुआ क्योंकि ऐसा इलाका जहां दूर-दूर तक पेट्रोल पंप देखने को न मिलें ऐसे में i20 की फ्यूल एफिशिएंसी कमाल है. सफर के अधिकतर रास्ते हम गांव की सड़कों पर थे जिनकी हालत के बारे में आप बेहतर समझ सकते हैं लेकिन i20 के शानदार सस्पेंशन और आरामदायक सीट पर हमने बड़ी सहजता से खराब सड़कों को पार किया.
इस सफर में जब भी हमें मौका मिला हमने GDI टर्बो पेट्रोल इंजन की परफोर्मेंस को परखा, ऐसे में हैरान करने वाली बात ये थी इतने आराम से i20 ने वो स्पीड पकड़ी जिसका हम यहां जिक्र भी नहीं कर सकते. खैर आपको ऐसे ड्राइव करते हुए सावधान रहने की जरुरत है. जब हम कार के इंजन को परख रहे थे तब उसका iMT हमें मुस्कुराने की और वजह दे रहा था. बता दें कि ये सब वास्तविक है न कि सिर्फ ब्रांड ब्रोशर में डालने के लिए बनावटी विशेषता. Hyundai i20 को वैसे जितना शुक्रिया अदा करें कम होगा, इसी की बदौलत आज हम अपनी बचपन की यादों को जी पाएं हैं.
वैसे आप सभी को सलाह है अगर आपने अभी तक iMT गियरबॉक्स की टेस्ट ड्राइव नहीं की है तो अब जरुर करें. ये फीचर न सिर्फ i20 बल्कि Venue में भी उपलब्ध है. अगर आप मेन्युअल ट्रांसमिशन ही पंसद करते हैं तो भी आप इसके दिवाने हो जाएंगे और टेस्ट ड्राइव के बाद आप Hyundai के iMT की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाएंगे.
खैर बरगद के पेड़ के नीचे जो क्षण हमने सुनहरी रेत को देखते हुए बिताए उन्हीं लम्हों में हमने अपनी आत्मीय खुशी को पा लिया था बाकि तो सोने पर सुहागा वाले पल थे.