जीवन में कुछ चीजें इतनी ज्यादा आकर्षक होती हैं कि देखते ही मुंह से ‘वाह’ निकल जाता है. ऐसा ही एक दिन मानवी और उस के पति रोनित के साथ हुआ. उन की शादी को अभी 3 महीने ही बीते थे. एक दिन मानवी की स्कूल फ्रैंड दीवांशी ने उसे अपने घर डिनर पर बुलाया.
चूंकि मानवी ने अभी तक दीवांशी का घर नहीं देखा था, तो वह वहां जाने के लिए रोमांचित थी.रोनित के साथ जब मानवी ग्रेटर नोएडा पहुंची तो शाम के 6 बज चुके थे. दीवांशी का फ्लैट एक आलीशान अपार्टमैंट्स की छठी मंजिल पर था.
मानवी ने डोरबैल बजाई तो दीवांशी ने अपने पति पृथ्वी के साथ उन दोनों का वैलकम किया और उन्हें अपने ड्राइंगरूम में ले गए. वहां जाते ही मानवी और रोनित के मुंह से एकसाथ ‘वाह’ निकला. निकले भी क्यों न, वह ड्राइंगरूम था ही इतना कलरफुल कि कोई जैसे अपनी फैंटेसी की दुनिया में चला आया हो.
मानवी ने दीवांशी को कनखियों से देखा और बोली, ‘‘यार, यह क्या बला है… इतना शानदार ड्राइंगरूम. पानी तो मैं बाद में पीऊंगी, तू जल्दी से यह बता कि तुझे इसे करने का आइडिया कैसे आया.’’दीवांशी ने मानवी को सब्र रखने को कहा और कौफी पीते समय बताया कि यह घर सजाने का बोहेमियन स्टाइल है. जिस तरह मानवी चौंकी हुई थी, उसी तरह आप भी सोच रहे होंगे कि दीवांशी किस बोहेमियन स्टाइल की बात कर रही है.एक खास पहचानइस बारे में ‘न्यू आर्क स्टूडियोज’ की आर्किटैक्ट नेहा चोपड़ा ने बताया, ‘‘बोहेमियन घर सजाने का एक ऐसा तरीका है, जो अलगअलग रंगों का खूबसूरत तालमेल है. पुराने समय में इसे उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान की हवेलियों और महलों में इस्तेमाल किया जाता था और अब अपार्टमैंट्स और घरों में लोग अपनाने लगे हैं.
इसे ‘बोहो’ भी कहते हैं. इसे पसंद करने वाले लोग थोड़ी घुमक्कड़ सोच के होते हैं और खुद को थोड़ा अलग दिखाने में यकीन रखते हैं. इसे आर्टिस्टिक रूम भी कहा जा सकता है.‘‘विदेशों में एक हिप्पी कल्चर विकसित हुआ था, उस की छाप भी इस स्टाइल पर देखी जा सकती है. हलके क्रीम कलर की दीवारें, एक रंगीन गलीचा, नर्म और गुदगुदे सोफे पर कई रंगों के छोटेबड़े कुशन, यहांवहां गमलों में सजे पौधे इस बोहेमियम स्टाइल की खास पहचान होते हैं.‘‘इस स्टाइल की खूबी यह है कि इस में पेंटिंग, फैब्रिक और ऐक्सैसरीज जैसी फिनिश और स्टैक्ड डैकोर आइटम्स को मिलाया जाता है.
इस से कमरे में एक बहुत अच्छी वाइब मिलती है.‘‘इस में रंगों का तालमेल बहुत खास रोल निभाता है. दीवार का रंग परदे से, सोफे का रंग उस पर रखे कुशन से और लकड़ी के फर्नीचर का दीवारों पर टंगी पेंटिंग से रंगों का कंट्रास्ट बोहेमियम स्टाइल को दिखाता है.
इसे लेयरिंग या मिक्सिंग भी कहा जाता है.अलग लुक‘‘बोहेमियम स्टाइल में हाथ से बने सामान और किताबों की बड़ी अहमियत होती है. बड़ी बुक अलमारी के बजाय छोटी बुक शैल्फ से ले कर कलाकृतियों आदि का चुनाव इस तरह से करें कि वे कमरे को बड़ा दिखाएं और अगर वे हाथ से बनी अनगढ़ ही लगें तो भी कोई बात नहीं क्योंकि यही स्टाइल उसे अलग लुक देता है.
आरामदायक कुरसी हो या साइड टेबल या फिर चमड़े का बीन बैग और कमरे के बीच में सजा कालीन, सब का संतुलन ही बोहेमियन स्टाइल को चार चांद लगा देता है. पौधों की सजावट भी इस स्टाइल को मजबूती देती है. पौधे कमरे को जीवंत कर देते हैं. वे कुदरत को घर के भीतर ले आते हैं और हरा रंग बाकी रंगों की छठा और ज्यादा खिला देता है. कमरा ही क्या वहां रहने वालों का भी मिजाज खिल उठता है.‘‘मान लीजिए आप की एक 10?10 फुट की दीवार है.
उस पर अपनी पसंद का ब्राइट या लाइट कलर इस्तेमाल कर के कुछ गमलों को रस्सी के सहारे टांग दिया जाता है. आप चाहें तो वहां लाइट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.‘‘दीवार पर कुछ शैल्फ लगा कर उन में अलगअलग जगह से खरीदी गई चीजें सजा सकते हैं, फिर वे सस्ती ही क्यों न हों, पर उन में आप की शख्सियत जरूर झलकती हो. इतना ही नहीं, अपनी बनाई कोई पेंटिंग, किसी स्क्रैप आदि को कलर कर के भी दीवार पर टांगा जा सकता है.‘‘स्नेक प्लांट और ड्रैकैना जैसे पौधे कम रखरखाव वाले हाउसप्लांट हैं जो हवा को साफ करने में मदद करते हैं.
इस के अलावा दूसरी डिजाइन आइटम्स जो कमरे में अच्छी लगती हैं, वे हैं बुने हुए टैराकोटा या पैटर्न वाले सिरैमिक प्लांटर्स.इमोशनल टच‘‘अपने रूम की थीम को और रिच करने के लिए अपनी शादी की पुरानी हैवी साड़ी के बैस्ट हिस्से जैसे किसी हाथीघोड़े या किसी और डिजाइन को फ्रेम करा कर कमरे में सजा सकते हैं. दीवारों पर हलके रंग के साथ कलरफुल रंगों की चीजें मैच कर सकते हैं. रंगबिरंगे मिरर की सजावट से भी रूम को वाइब्रैंट बनाया जा सकता है.
इस में आप का इमोशनल टच भी दिखता है.‘‘लोगों के मन में यह शंका रहती है कि यह स्टाइल बहुत ज्यादा अमीर लोग ही अफोर्ड कर सकते हैं, पर अगर आप की आंखें खुली हैं और आप को बाजार में घुम्मकड़ी का शौक है, तो सस्ते में बोहेमियन स्टाइल का सामान आप को जरूर दिख जाएगा. अपने कमरे के आकार को ध्यान में रख कर सजावट करें, फिर देखें रंगों का कमाल. फिर जो भी आप के घर में पहली बार आएगा, वह मानवी की तरह ‘वाह’ कह उठेगा.’’