डौग शो को देखने पहुंचे तो वहां उपस्थित डौग जो अपने मालिकों के साथ आए थे, उन्हें देख चकित रह गई. एक से बढ़ कर एक स्टाइलिश ढंग से सजे, कीमती कपड़ों से लैस, परफ्यूम से महकते और जूते, कौलर, नैकटाई, रिंग जैसी ऐक्सैसरीज से सज्जित उन पेट्स को देखना किसी स्वप्नलोक से कम नहीं. उन के नेम टैग भी बहुत ही आकर्षक और वे इस तरह से अपने मालिक के साथ खड़े होते हैं मानो किसी फिल्म की शूटिंग में आए हों और अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हों.
पग, अमेरिकन पिट, लेबराडोर, बौक्सर, डेशुंड, अफगान हाउंड, कैरेवान हाउंड, आइरिश वुल्फ हाउंड, जरमन शेपर्ड, डाबरमैन जैसे महंगे पैट्स वहां मौजूद थे, जो शानदार गाडि़यों में बैठ कर आए थे. डौग शो में आ कर उन्हें सर्वप्रथम आने के लिए किसी तरह की ट्रिक नहीं दिखानी थी बल्कि उन का चयन उन के कोट साइज, आदत और पसंद के हिसाब से होना था.
तभी वहां से गुजरती एक महिला को कहते सुना, ‘‘कितने मजे हैं इन पैट्स के. आलीशान गाडि़यों में घूमते हैं, बड़ीबड़ी कोठियों में रहते हैं और हम से भी महंगा खाना खाते हैं. कितना कठिन है आज के जमाने में एक बच्चे को पालना और लोग पैट्स पालते हैं.’’
उस के कहने के अंदाज से झलक रहा था कि पैट्स पर इतना पैसा खर्चना की बात उसे अखर रहा था.
बन गए हैं स्टेटस सिंबल
जो अर्फोड कर सकता है, अकेलापन महसूस करता है वह पैट्स रख रहा है तो इस में बुरा क्या है? इस में जलने की बात क्या है? अगर अच्छी ब्रीड के महंगे पैट्स खरीदते हैं तो उन्हें पालने में एक बड़ी रकम जो क्व30-40 हजार महीना हो सकती है, खर्च करनी पड़ सकती है. अब जिस के पास इतना पैसा है तो वह खर्च भी करेगा क्योंकि आज के लाइफस्टाइल में अगर एक तरफ पैट्स सुरक्षा की दृष्टि से जरूरत है तो दूसरी ओर वे स्टेटस सिंबल भी हैं.