एक मल्टीनैशनल कंपनी में काम करने वाली सुमन हमेशा ब्रैंडेड कपड़े पहनती है, क्योंकि उसे उस के रंग, फिटिंग और लुक काफी ऐलीगेंट और सुंदर दिखते हैं। पहले वह रोड साइड कपड़े खरीदती थी, लेकिन कुछ दिनों में उस के रंग उड़ जाते थे और उस की फिटिंग भी कई बार सही नहीं होती थी, इस वजह से उन कपड़ों को उसे बहुत जल्दी ही किसी दूसरे को देना पड़ता था. इसलिए वह पिछले 5 सालों से ब्रैंडेड कपड़े ही पहनती है, क्योंकि ये कपड़े महंगे भले ही होते हैं, लेकिन उस की ड्यूरेबिलिटी अधिक होती है.

सुमन को देख कर उस की सहेलियां भी ब्रैंडेड कपड़े खरीद रही हैं। उन के हिसाब से ब्रैंडेड कपड़े महंगे भले होते हैं, लेकिन उन का लुक काफी समय तक एकजैसा रहता है.

असल में ब्रैंडेड कपड़े महंगे होते हैं, लेकिन उस की स्टाइल, फिटिंग, रंग, फैब्रिक आदि बाकी आम कपड़ों से अच्छी होती है, जिसे अधिक पैसे देने के बाद भी आज के यूथ खरीदते हैं, क्योंकि वे अच्छा कमाते हैं और इन ब्रैंडेड कपड़ों की वजह से उन का औफिस में भी अलग इमेज होता है.

इतना ही नहीं, ब्रैंड्स अपने कस्टमर के प्रति हमेशा ईमानदार होते हैं, ताकि वे उस ब्रैंड्स के कपड़े बारबार खरीदें. ब्रैंड्स आजकल स्टैटस का प्रतीक बन चुका है, इसलिए आज का यूथ इस ओर अधिक से अधिक आकर्षित है.

डिजाइनरों का भी मानना है कि कभी ऐसा समय था, जब आम इंसान हाई ऐंड कपड़ों को खरीदना नहीं चाहते थे, क्योंकि ऐसे कपड़े केवल धनी लोगों के लिए समझे जाते थे, लेकिन आज ऐसा नहीं है। अधिक से अधिक यूथ हाई ऐंड कपड़ों की मांग करते हैं. इस की खास वजह औनलाइन में आजकल हजारों ब्रैंड्स अपने कपड़े और ऐक्सेसरीज बेचती हैं, जो उन के बजट में आ जाते हैं, जिस से वे उन्हें
खरीद सकते हैं. इस के अलावा ब्रैंडेड कपड़े पहनने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है, वे भीड़ में खुद को अलग महसूस कर सकते हैं। यही वजह है कि सारे ब्रैंड एक से एक सुंदर और आकर्षक कपड़ों को मार्केट में ला कर ग्राहकों को संतुष्ट करने की कोशिश करती है. इतना ही नहीं पर्यावरण संरक्षण में भी ब्रैंडेड कपड़े ही आते हैं, क्योंकि फैशन इंडस्ट्री से निकले वैस्ट पदार्थ बड़ी मात्रा में प्रदूषण फैलाते हैं,

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