आज आभूषण सिर्फ सजनेसंवरने के लिए ही नहीं, निवेश के लिहाज से भी चलन में हैं. इसलिए इन्हें खरीदने से पहले कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें.
गहने खरीदते समय क्याक्या सावधानियां बरतनी चाहिए यह जानने के लिए हम ने बात की जैम व आभूषणों की जानीमानी प्रयोगशाला ‘जैमोलौजिकल इंस्टिट्यूट औफ अमेरिका’ (जीआईए) के भारतीय संस्थान की मैनेजिंग डायरैक्टर निरूपा भट्ट से.
जैमोलौजिकल इंस्टिट्यूट औफ अमेरिका प्रयोगशाला के मुख्य कार्य कौनकौन से हैं?
इस प्रयोगशाला में आभूषणों को उत्तम गुणवत्ता प्रदान करने के लिए डायमंड के कैरेट, क्लैरिटी व कट क ो निर्धारित किया जाता है. इस के अतिरिक्त यह लोकप्रिय ज्वैलरी शैक्षिक संस्थान भी है. यह भारत भर में आभूषणों पर उपयोगी सेमिनार व वर्कशौप का भी आयोजन करता है. 1950 में स्थापित यह लाभ निरपेक्ष संस्था आज विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुकी है और वर्तमान में 14 देशों में कार्यरत है.
जीआईए कैसे कार्य करता है?
यह जैमोलौजिकल लैबोरेटरी व जानामाना हौलमार्क ब्रैंड है, जो डायमंड, कलर्ड स्टोंस व पर्ल्स की गुणवत्ता व विश्वसनीयता को प्रामाणिकता प्रदान करता है. इस के अलावा जीआईए देश भर में जैम व आभूषणों से संबंधित कोर्सेज भी कराता है.
आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर के लैब में नकली आभूषणों की जांच की जाती है. वहीं नैचुरल जैम्स के रंग व क्लैरिटी में सुधार कर उन के लुक को आकर्षक बनाने का कार्य भी किया जाता है.
आभूषण खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
किसी भी बेशकीमती आभूषण को खरीदने से पहले इंटरनैट पर रिसर्च जरूर करें व जीआईए जैसे विशेषज्ञों से सुझाव भी ले सकती हैं. जीआईए की वैबसाइट पर आभूषणों से संबंधित आवश्यक सुझाव व जानकारी दी गई है. इस संस्था के विशेषज्ञों से आभूषणों की गुणवत्ता व उन के रूप को बदलने से संबंधित प्रश्न भी पूछे जा सकते हैं, जो विश्वसनीय व आकर्षक आभूषण खरीदने के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होते हैं.