अपने समाज में एक कहावत बहुत समय से चली आ रही हैॅ कि ‘बूढी घोडी लाल लगाम‘. इसका सीधा मतलब यह था कि उम्र दराज लोगों को फैशनेबल कपडे नहीं पहनने चाहिये. बल्कि साधारण कपडो और लाइफस्टाइल में रहना चाहिये. बदलते दौर में अब इस दकियानूसी और रूढीवादी बातों का कोई मतलब नहीं रह गया है. आज की लाइफ स्टाइल कहती है कि फैशनेबल होने से उम्र का कोई लेना देना नहीं होता है. 60 की उम्र में भी महिलायें उस तरह से फैशन कर रही है जो उनको 30 सा उससे भी कम उम्र में करना चाहिये था. सबसे बडी बात अब कोई किसी तरह की कहावत कह कर मजाक नहीं उडाता बल्कि उसकी फिटनेस और फैशन के सेंस की तारीफ करते कहता है कि इस उम्र में भी कितनी अचछी तरह से ड्रेस को कैरी कर लेती है.

50 साल की विमला कभी जौब में नहीं रही. घरेलू महिला होते हुये भी उन्होने खुद को हमेशा फिट और फैशन के अनुरूप ही रखा. जब उनके बेटे की शादी हुई और बहू घर में आई तो विमला के सगेसबंधी और नाते रिश्तेदार कहने लगे अब देखना है कि विमला और उसकी बहू के बीच कैसे तालमेल बनता है. विमला की बहू देविका जौब करती थी. आमतौर पर वह ऐसे आउटफिट पहनती थी कि जो काम करने में आरमदायक रहे. साडी पहनना उसे एकदम भी पंसद नहीं रहता था. विमला ने अपनी बहू को साडी पहनना सिखाया तो बहू ने अपनी सास को मार्डन लाइफस्टाइल के आउटफिट पहनना सिखा दिया. अब दोनो ही एक दूसरे के माहौल में ढल चुकी है. जहां भी जाती है लोग उनको लाजवाब सासबहू की जोडी बताते है. दोनो ही सास बहू की जगह छोटीबडी बहन सी लगती है.

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पर्सनैल्टी को शूट करते आउटफिट पहनें:

फैशन डिजाइनर अदिति जग्गी रस्तोगी कहती है ‘फैशन ट्रेंड में बने रहने के लिये उम्र की कोई बाधा नहीं रह गई है. अब बडी उम्र में भी लोग फैशन ट्रेंड के साथ हर तरह के प्रयोग करने से घबडाते नहीं है. कपडे उन पर अच्छे लगे इसके लिये वह अपनी फिटनेस, डाइट और मेकअप पर भी पूरा ध्यान देते है. बडी उम्र में भी लोग पूरे ऐटिट्यूड के साथ फैशनेबल आउटफिट को कैरी करते है. केवल आउटफिट ही नहीं उसके कलर को लेकर भी हर तरह से कंफर्टेबल फील करते है. जरूरत इस बात की है कि जो भी आउटफिट पहने उसमें आपकी पर्सनाल्टी निखरनी चाहिये. इसके लिये जरूरी है कि समय और माहौल के अनुकूल ही आउटफिट का चुनाव करे.

अदिति जग्गी रस्तोगी लखनऊ में ‘स्ट्राबेरी’ फैशन स्टोर और ‘अदिति’ फैशन ब्रांड के नाम से डिजाइनर ड्रेस तैयार करती है. यहां से बडे शहरो के फैशन स्टोर और विदेशो में भी ड्रेसेज भेजी जाती है. लखनऊ की चिकनकारी को लेकर वेस्टन डेªसेज पर अदिति के काम की अपनी पहचान है. अदिति ने मल्लिका शेरावत की फिल्म ‘ख्वाइश‘ में भी ड्रेस डिजाइनिंग का काम किया था. अदिति ने दिल्ली में मशहूर फैशन डिजाइनर रीना ढाका के यहां काम किया और 70 से अधिक शो पूरे विश्व में किये है. अदिति ने बालाजी टेलीफिल्म में कास्टयूम डिजाइनर के रूप में भी काम किया. शादी के बाद अदिति लखनऊ आ गई. यहां ‘स्ट्राबेरी’ फैशन स्टोर की शुरूआत की. यहां से विदेशो में ड्रेस एक्सपोर्ट की जाती है. अदिति फैशन डिजाइनिग कालेजों मे बच्चों को पढाने का काम भी करती है.

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भडकीले कपडों से उम्र नहीं छिपतीः

कई लोग यह मानते है कि भडकीले कपडे पहनने से उम्र छिप जाती है. ऐसा नहीं होता है. अदिति कहती है ‘फैशनेबल आउटफिट पहनते समय यह ना सोचे की इससे आप उम्र छिपा रही है. आप कंफर्टेबल होकर फैशनेबल आउटफिट पहने. सबसे जरूरी है कि मेकअप, माहौल और ड्रेससेंस के बीच तालमेल हो. ‘आधा तीतर आधा बटेर’ वाली झलक न दिखे. कपडों से उम्र नहीं छिपती जब ऐसा करते है तो हंसी का पात्र बनने का खतरा बढ जाता है.‘ किसी भी उम्र के कपडे समय और जगह देखकर पहने. कोशिश यह करे कि किसी का स्टाइल कौपी करने की जगह पर अपना अलग स्टाइल बनाये. जिससे आप भीड मेे होने के साथ भी अलग दिखा सके.

 

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अगर आपको फैशनेबल आउटफिट पहनना है तो खुद को मेंटेन भी करे. इसके लिये समय पर बालों को कटवाना, नेल केयर करना और उनको शेप में रखना जरूरी होता है. सबसे अहम चीज होती है स्किन केयर उसका ध्यान रखे. बढती उम्र में डेंटल केयर सबसे जरूरी होती है. क्योकि उम्र का सबसे बडा प्रभाव दांतो पर पडता है. ऐसे में इनकी सफाई और रखरखाव पर ध्यान दे. बौडी फिट तभी हर फैशन हिट होता है. इसके लिये जरूरी है कि हेल्दी रहे और बौडी के हिसाब से वर्क आउट करे. वर्क आउट करने से फिटनेस आती है जो आपकी पर्सनाल्टी को निखारने का काम करती है. फैशनेबल आउटफिट पहने पर इसके साथ ही साथ अपनी ओवरऔल पर्सनाल्टी पर भी ध्यान दे.

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