दुपट्टा भारतीय परिधान सलवार कुर्ते का ही एक हिस्सा है जिसे महिलाएं शरीर के ऊपरी हिस्से पर पहनतीं हैं. कुछ समय पूर्व तक महिलाएं दुपट्टे का उपयोग शरीर के उपरी भाग को ढकने के लिए किया करतीं थीं परन्तु वर्तमान समय में दुपट्टा का उपयोग सलवार सूट, पलाज़ो सूट और शरारा सूट को स्टाइलिश बनाने के लिए किया जाता है. दुपट्टे को ओढ़नी, चुन्नी, और शाल के नाम से भी जाना जाता है. यह प्लेन अथवा सलवार सूट के डिज़ाइन वाला होता है. कुछ समय पूर्व तक यह शिफान, जोर्जेट या सूती फेब्रिक का होता था परन्तु वर्तमान में वनारसी, चंदेरी, और सिल्क फेब्रिक में भी काफी महंगे दामों पर दुपट्टे बाजार में उपलब्ध हैं जो साधारण सी ड्रेस को भी स्टाइलिश बना देते हैं.
कैसे कैसे दुपट्टे
आजकल बाजार में भांति भांति के दुपट्टे उपलब्ध हैं जिनमें से कुछ खास इस प्रकार हैं-
फुलकारी दुपट्टा-फुलकारी दुपट्टा मुख्यतया पंजाब की देन है. जार्जेट के प्लेन कपड़े पर वर्गाकार डिजायन में विविध रंगों के रेशमी धागों से की जाने वाली आकर्षक कढाई इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती होती है. इसे प्लेन कुर्तें अथवा हल्की फुल्की कढाई वाले कुर्ते के साथ पेयर करना उचित रहता है. कुर्ते के साथ आप पलाजो, लैंगिग्स, अथवा सलवार या शरारा जैसी मनचाही आउटफिट पहन सकती हैं. अधिक कढ़ाई वाला दुपट्टा महंगा और कम कढ़ाई वाला दुपट्टा कम दामों पर मिलता है. एक या दो रंग के धागे से की गयी कढ़ाई की अपेक्षा अधिक रंग की कढ़ाई वाला फुलकारी दुपट्टा खरीदना उचित रहता है क्योंकि इसे आप कई ड्रेस के साथ केरी कर सकतीं हैं.