हर किसी को सुगंध अच्छी लगती है. जिस से सुगंध आ रही हो, उस की ओर दूसरे व्यक्ति का खिंचाव सहज ही हो जाता है. सुखद सुगंध तनमन दोनों को आनंदित करती है. परफ्यूम लगाने के बाद आप ज्यादा फैमिनिन और सिडक्टिव भी महसूस करती हैं. यही वजह है कि परफ्यूम लगाना हर कोई पसंद करता है. बाजार में उपलब्ध इस की वैराइटी से यह अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि लोगों को इसे लगाने का कितना शौक है.
कामोत्तेजक भी
परफ्यूम कामोत्तेजक की तरह होता है. सही परफ्यूम निश्चित रूप से आप की पर्सनैलिटी को एक अपील देता है. लगातार परफ्यूम का इस्तेमाल करते रहने से एक वक्त में वह आप के लाइफस्टाइल की निशानी बन जाता है. परफ्यूम की गंध बता देती है कि अभीअभी कौन यहां से गुजरा है.
बेहतरीन क्वालिटी का परफ्यूम बेशक पौकेट पर भारी पड़े, पर अन्य साधारण फ्रैगरैंस जैसे डियोडरेंट, बौडी स्प्रे, कोलोन या पैकेज्ड फ्रैगरैंस की तुलना में न सिर्फ आप को अपनी सुगंध से सराबोर करता है वरन आप को यह एहसास भी कराता है कि यह वाकई महंगा सौदा नहीं है. यह लंबे समय तक आप के शरीर पर लिपटा रहता है और आप को तरोताजा भी रखता है.
फ्रैगरैंस कंसल्टैंट रितेश के अनुसार, ‘‘फैशन और फ्रैगरैंस दोनों एकदूसरे से जुड़े हुए हैं. इन दिनों फ्रैश और ट्रांसपरैंट फ्रैगरैंस का चलन है, क्योंकि महिलाएं अपनी एक अलग व खुली सोच रखने लगी हैं. परफ्यूम भी अब ऐक्सैसरीज बनते जा रहे हैं.’’
पर्सनैलिटी के अनुसार चयन
परफ्यूम में करीब 22% ऐसेंशियल औयल होता है और किस परफ्यूम में ऐसेंशियल औयल की मात्रा कितनी होती है, उसी के आधार पर उस की क्वालिटी, कीमत व खुशबू निर्भर करती है. लेकिन परफ्यूम महंगा है या सब से लोकप्रिय है, इसलिए आप को उसे खरीदना चाहिए, यह जरूरी नहीं है, क्योंकि हो सकता है कि उस की खुशबू आप के शरीर के नैचुरल कैमिकल्स के साथ मेल न खाए. किसी और के परफ्यूम की खुशबू से प्रभावित हो उसे खरीदने की भूल न करें.
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