स्वदेशी आन्दोलन के समय विदेशी कपड़ो के विरोध में जब गाँधी जी ने जन-जन से खादी पहनने का अवहान किया था तो किसी ने नही सोच था कि एक दिन यही खादी फैशन का पैमाना बनकर उभरेगा. खादी में डिजायनों में खूबसूरती की नई संभावनाएं नजर आने लगी हैं. इसे देखते हुए अब लग रहा है कि भारत में खादी के वस्त्रों का फैशन भी आने वाले दिनों में चल निकलेगा. इसको लेकर भारत के फैशन डिजायनर कई किस्मों के परिधान और समयानुसार नई डिजाइनों में लेकर उतरने लगे हैं. इससे खादी के उत्पाद को प्रोत्साहन और खादी के व्यवसाय में वृद्धि हुई है. साथ ही फैशन की दुनिया में अगर फैब्रिक्स की बात करें तो खादी की अपनी अलग जगह है. खादी की शुरूआत तो अंग्रेजों की नीतियों की विरोध करने के लिए हुआ था लेकिन आज ये एक फैशन ट्रेंड बन चुका है. उस वक्त किसी को ये अंदाजा भी नहीं होगा कि खादी इस तरह फैशन का पैमाना बनकर उभरेगा.
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खादी का क्रेज आपको यंगस्टर से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक सबके बीच मिलेगा. खादी की बढ़ती लोकप्रियता का ही कमाल है कि फैशन डिजाइनर खादी के नए-नए कलेक्शन लान्च कर रहे हैं और इसका इस्तेमाल क्लॉथस के अलावा बैग, फुटवियर, एक्सेसरीज और शोपीस बनाने में कर रहे हैं. किसी तरह की स्किन एलर्जी में खादी पहनना अच्छा होता है.
कपड़े- आपको चाहे इंडियन पसंद हो या वेस्टर्न ड्रेसेज, खादी में आपको सब मिलेगा. खादी में लॉग स्कर्ट, कुरती, लूज कुरता, शर्ट, शॉट जैकेट, साड़ी, सलवार-सूट, मल्टीकलर दुपट्टा और शेडेड स्टोल का नाम हॉट लिस्ट में है.
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