जब भी फैशन की बात होती है तो मन में सबसे पहले मनीष मल्होत्रा का नाम आता है. बचपन से कुछ अलग फैशन के क्षेत्र में करने की इच्छा रखने वाले मनीष ने पारंपरिक रंगों, क्राफ्टमेनशिप, टेक्सचर, कढ़ाई और ग्लैमरस पहनावे के साथ अपनी एक अलग छवि बनाई है. वे केवल परिधान के लिए ही नहीं, बल्कि हर व्यक्ति को एक अलग पहचान देने के लिए जाने जाते है. बॉलीवुड की सारी हीरोइनें उसकी पोशाक पहनने के लिए लालायित रहती है. अभिनेत्री जूही चावला से लेकर श्रीदेवी, करीना कपूर, करिश्मा कपूर आदि सभी ने मनीष की पोशाक की कारीगरी को सराहा है. कॉलेज में पढाई करते हुए मनीष ने कई छोटे-छोटे मॉडल एसाइनमेंट किये. पढाई पूरी करने के बाद वे इस क्षेत्र में उतरे और एक के बाद एक फैशन शो करते गए. पहला ब्रेक उन्हें डेविड धवन ने फिल्म ‘स्वर्ग’ में जूही चावला के परिधान के लिए दिया था. इसके बाद उन्हें पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा. उनके इस काम में उनकी माँ ने हमेशा उन्हें प्रेरित किया. साल 2005 में उन्होंने अपनी ब्रांड लेवल मनीष मल्होत्रा को लॉन्च किया, जिसकी अभी 15 साल पूरे हुए है.
लक्मे फैशन वीक 2020 के अवसर पर उन्होंने शबाना आज़मी के पिता द्वारा स्थापित एनजीओ मिजवां फाउंडेशन के साथ मिलकर ‘रूहानियत’ के अंतर्गत क्लासिक और परम्परिक फैशन रैम्प पर उतारें. इसमें शो स्टॉपर कार्तिक आर्यन रहे. मनीष को इसकी प्रेरणा मुग़ल काल की कारीगरी से मिला. जिसके लिए उन्होंने जयपुर, उदयपुर, लखनऊ, अवध आदि स्थानों पर गए और वहां के कारीगरों से सारे वस्त्र तैयार करवाएं है.
पहली बार वर्चुअल शोकेस के बारें मनीष का कहना है कि ये मेरे लिए पहली बार अवश्य है, पर इसमें और बाकी रैंप शो की तैयारी में कोई अंतर नहीं है. ये अनुभव नया है और ख़ुशी इस बात से है कि इसके द्वारा भी हम अपने क्लाइंट तक और सुदूर प्रान्त में पहुंचने में समर्थ है. मैंने इसका काम पेंडेमिक से पहले शुरू किया था, लेकिन सभी काम समय पर हुआ है, ये मेरे लिए अच्छी बात है. अभी ग्राहक चूजी हो चुके है और वैल्यू फॉर मनी को खोजते है, इसलिए सस्टेनेबल फैशन का बाज़ार अभी जोरों पर है और सभी डिज़ाइनर्स उसपर अधिक काम कर रहे है. रूहानियत शो के द्वारा मैंने सारे कारीगरों और क्राफ्ट्समेन को एक ट्रिब्यूट दिया है, क्योंकि इन लोगों ने इस लुप्तप्राय कला को जीवित रखा है, जिसे मैंने लोगों तक पहुँचाया है. मेरा ये शो वाईब्रेंट ऑफ़ पंजाब और नजाकत ऑफ़ अवध का सम्मिलित रूप है. मेरी जिंदगी में हमेशा दो ही चीजें काफी महत्व रखती है, फैशन और फिल्म, जो मुझे एक ख़ुशी का एहसास करवाती है.
इसके आगे उनका कहना है कि मैं गांव मिजवां से पिछले 10 सालों से जुड़ा हूँ और मुझे ख़ुशी होती है कि इस गांव के लोगों ने धीरे-धीरे तरक्की की है और ये लोग मेरे लेबल के साथ अच्छी तरह से जुड़ चुके है और वे मेरे पसंद को समझने लगे है. डिज़ाइनर तभी सफल होता है, जब उसके बनाये डिजाईन को कारीगर अच्छी तरह से कपड़ों पर उतार सकें.
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