"आई तीज बिखेर गई बीज, आई होली भर लें गई झोली" आप सोच रहें होंगे की इस पंक्ति का क्या अर्थ है तो ठहरिये जरा यह एक कहावत है जो हमारे त्योहारों से जुडी हुई है जी हां जैसे ही सावन में तीज आती है तो वह अपने साथ ढेर सारे त्योहारों को संग लाती है और होली के त्यौहार तक हिन्दू धर्म में त्योहारों कि जैसे धूम मची रहती है लेकिन होली आती है तब वह अपने साथ सभी त्योहारों को लें जाती है और त्योहारों का यही सिलसिला चलता रहता है त्यौहार ना सिर्फ हमें ख़ुशी देते है बल्कि एक दूसरे के साथ समय बिताने का मौका भी देते हैं त्योहारों के आते ही सभी में एक खास उत्साह उमड़ने लगता है ख़ासकर महिलाओं में.
किसी भी त्यौहार से पहले ही उनकी तैयारियां शुरू होने लगती हैं. अब जैसे कि नवरात्रि, करवाचौथ दिवाली जैसे त्यौहार आने वाले है इन त्योहारों को लेकर जो महिलाओं के मन में उत्साह होता है वह देखते बनता है यानि कि कैसे वो इन त्योहारों पर तैयार होंगी ,क्या वो पहनेगी ,कैसे वो अपने घर को सजाएंगी, कैसे वो अपना फेस्टिव सीजन सेलिब्रेट करेंगी. तो आज इस लेख में हम आपके लिए लाये है कुछ ऐसे टिप्स जिन से आपकी ड्रेसिंग कि समस्या आपकी पुरानी साड़ी से ही कम हो सकती है तो इस फास्टिव सीज़न में अपनाएं ये ट्रिक्स और और अपनी पुरानी साड़ी को हैवी या डिजाइनर गोटा वर्क के साथ दें ये नए लुक.
- बनारसी या सिल्क साड़ी
पुरानी बनारसी या सिल्क की साड़ी से आप खूबसूरत लहंगा या फिर इंडो वेस्टर्न स्कर्ट सिलवा सकती है. इस तरह की साड़ी से कलीदार या ए लाइन कट का लहंगा बहुत ही खूबसूरत लगता है इसके साथ में सारी के पल्ले से आप ब्लाउज तैयार करा सकती है या कांट्रेस्ट ब्लाउज भी पहन सकती हैं बनारसी या सिल्क में अक्सर डीप नैक बहुत जचता है आप चाहें तो ट्राई कर सकती हैं बेहतर होगा की साड़ी के बॉर्डर को पहले कट कर लें व ऊपर से स्टीच कर के लेस के तौर पर इस्तेमाल करें ऐसा करने से साड़ी वाला लुक बिलकुल खत्म हो जाएगा. साथ ही आप बनारसी, सिल्क और कांजीवरम जैसी भारी साड़ियों से ओवरकोट बनाएंगी, तो यह और सुंदर दिखेगा और आप इन्हें शादी या किसी इवेंट में भी पहन सकेंगी.