रेशम कीड़ों से बना सिल्क एक नेचुरल फाइबर है. सिल्क अपनी प्राकृतिक चमक, कोमल एवं मुलायम बनावट, मज़बूती, लचीलापन, पहनने में आसानी, अवशोषण, उष्णता जैसे गुणों के कारण वस्त्रों की रानी के रूप में जाना जाता है.
भारत सिल्क का दुनियाभर में सबसे बड़े उपभोक्ता और दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. सिल्क हमारे देश के सामाजिक ताने-बाने से जुड़ा हुआ है. यह शादियों, उत्सवों और समारोहों जैसे हर शुभ अवसर का एक जरुरी हिस्सा बन गया है. सिल्क की साड़ियां खरीदने और पहनने में हर भारतीय महिला को गर्व का एहसास होता है.
सिल्क की इस ज्यादा मांग ने उसकी मूल्य श्रृंखला में विकृतियों और मिलावट की घटनाओं को भी जन्म दिया है. नायलॉन, रेयान, पॉलिएस्टर आदि एक से दिखने वाले रेशों की मिलावट से बना कपड़ा शुद्ध सिल्क का बताकर बेचा जाता है जिसकी कीमत शुद्ध सिल्क की कीमत का सिर्फ 10% ही होता है. वहीं उपभोक्ताओं के लिए इन मिलावटी और शुद्ध सिल्क में फर्क पता लगाना बहुत मुश्किल है क्योंकि यह बिलकुल शुद्ध सिल्क जैसा ही दीखता है.
यह मिलावट न केवल सिल्क प्रेमी ग्राहकों को शुद्ध सिल्क से वंचित करता है बल्कि उनकी मेहनत की कमाई की भी हानि होती है. साथ ही, जब शुद्ध सिल्क के नाम पर एक मिलावटी प्रोडक्ट बेचा जाता है, तो सिल्क प्रोडक्शन में काम करने वाले लोगों की आजीविका पर भी नकारात्मक असर पड़ता है.
इस मिलावट को खत्म करने और सिल्क उद्योग में शामिल किसानों, धागाकरों, बुनकरों, शिल्पकारों और व्यापारियों की आजीविका को सुदृढ़ करने के लिए वस्त्र मंत्रालय के अधीन केंद्रीय रेशम बोर्ड द्वारा भारतीय रेशम मार्क संगठन (एसएमओआई) की स्थापना की गई. एसएमओआई के मुख्य उद्देश्य हैं उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना, सिल्क उद्योग में जुड़े हितधारकों का समर्थन करना और भारतीय सिल्क को बढ़ावा देना.
एसएमओआई ने 2004 में रेशम की शुद्धता के लिए दुनिया का पहला और एकमात्र लेबल – “सिल्क मार्क लेबल” पेश किया. यह शुद्ध रेशम के लिए एकमात्र आश्वासन है. इसे काफी जांच पड़ताल के बाद ही 100% शुद्ध सिल्क उत्पादों पर चिपकाया जाता है. 100% शुद्ध सिल्क उत्पाद वह है जिसमें बेस फैब्रिक, ताना और बाना दोनों, प्राकृतिक सिल्क की 4 किस्मों में से किसी एक से बना होता है, जैसे कि शहतूत, तसर, एरी और मुगा सिल्क.
कोई भी सिल्क धागाकार, सिल्क बुनकर, सिल्क ट्रेडर, सिल्क एक्सपोर्टर, सिल्क वीविंग कोऑपरेटिव सोसाइटी और सिल्क ट्रेडिंग कॉरपोरेट फर्म, एसएमओआई का अधिकृत सदस्य बन सकता है और उसके बाद ही 100% शुद्ध सिल्क उत्पादों पर सिल्क मार्क लेबल का उपयोग कर सकता है.
यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि हम हमेशा सिल्क मार्क लेबल के साथ 100% शुद्ध रेशम ही खरीदें और रेशम उद्योग में शामिल देश भर के लगभग एक करोड़ किसानों, धागाकारों, बुनकरों और शिल्पकारों की आजीविका का समर्थन करें और हमारे इतिहास के इस सुनहरे रेशमी उपहार को संरक्षित करे.
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