टीनएजर्स शौपिंग को ले कर के्रजी होते हैं. इस उम्र में उन्हें नएनए स्टाइलिश कपड़े पहनने का बहुत शौक होता है. लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी बिलकुल नहीं होती कि उन पर क्या फबेगा, उन्हें क्या पहनना चाहिए क्या नहीं. अकसर वे फिल्मों में हीरोहीरोइन के कपड़े देख कर या फिर अपने फ्रैंड्स को देख कर वैसे ही कपड़े खरीदने के लिए उत्सुक हो जाते हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि आप उन के साथ शौपिंग पर जाएं और उन्हें उन की पर्सनैलिटी के अनुरूप शौपिंग कराएं ताकि वे फैशनेबल और स्मार्ट तो दिखें पर भद्दे नहीं.
आइए, जानें कि कैसी होनी चाहिए टीनएजर शौपिंग:
फिल्मों की होड़ में न दिलाएं कपड़े: कई बार देखने में आता है कि मांएं खुद तो किसी हीरोइन की पहनी हुई ड्रैस जैसी ड्रैस पहनना पसंद करती हैं, साथ ही अपने बच्चों को भी फिल्मों से प्रभावित हो कर ऐसे ही बेतुके और ग्लैमरस कपड़े पहनाने लगती हैं. इस का असर धीरेधीरे बच्चों पर पड़ने लगता है और वे फिल्में देख कपड़े बनवाने लगते हैं. तब उन की मांओं को यह अच्छा नहीं लगता. इसलिए ऐसा काम करना ही क्यों, जिस के लिए कल आप को पछताना पड़े. बहुत टाइट कपड़े न दिलाएं: बढ़ती उम्र में बच्चों के कपड़े बहुत जल्दी छोटे हो जाते हैं. फिर भी कई बार मांएं थोड़ा कसा हुआ कपड़ा यह सोच कर दिला देती हैं कि आजकल टाइट फिटिंग का फैशन है. लेकिन ऐसा करते वक्त वे यह भूल जाती हैं कि इस से बढ़ते बच्चों के विकास पर प्रभाव पड़ेगा. टाइट कपड़े शरीर पर रैशेज, सांस में रुकावट, जी मिचलाना जैसी अनेक समस्याएं पैदा कर सकते हैं.