देश भर में महिला शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है. बच्चियां घरों से निकल कर स्कूलों की ओर रूख करें इसके लिए सरकार के तरफ से प्रायस तो होते ही रहते हैं, मां बाप और परिवारों में भी इन बातों को ले कर जगरुकता बढ़ रही है और वो खुद आगे बढ़ कर बच्चियों को स्कूल भेज रहे हैं. इसी बीच उन बच्चियों के लिए उत्साहवर्धन के लिए हम खबर ला रहे हैं जिसे पढ़ कर उन्हें और प्रोत्साहना मिलेगी.
खबर है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारतीय मूल की 5 महिलाओं का बड़ा योगदान है. वो बड़े और महत्वपूर्ण पदों पर संस्थाओं का नेतृत्व कर रही हैं. हम उन पांच महिलाओं के बारे में आपको बताएंगे.
- गीता गोपीनाथन
हाल ही में गीता 47 वर्षीय गोपीनाथ को आईएमएफ के प्रमुख अर्थशास्त्री के तौर पर चुना गया है. वो जनवरी में अपना पद संभालेंगी. आपको बता दें कि इस पद को हांसिल करने वाली ये पहली महिला और दूसरी भारतीय हैं. इनसे पहले इस मुकाम पर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन पहुंचे थे. गीता 2005 से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टडीज और इकोनैमिक्स की प्रोफेसर हैं. इनका जन्म 8 दिसंबर 1971 को कोलकाता में हुआ. 1980 में उनका परिवार मैसूर आ गया.
- इंद्रा नूई
इंद्रा नूई ने 2006 में अमेरिका की फूड कंपनी पेप्सिको ज्वाइन किया. 62 वर्षीय इंद्रा ने बतौर सीईओ कंपनी को ज्वाइन किया. 12 साल के अपने कार्यकाल में इन्होंने कंपनी के मुनाफे में 8 फीसदी की बढ़ोतरी कराई.
नूई ने इसी साल कंपनी के सीइओ पद से इस्तीफा दिया पर अगले साल तक वो कंपनी की चेयरमैन बनी रहेंगी. नूई भी दक्षिण भारत से ताल्लुक रखती हैं. 28 अक्टूबर 1955 को मद्रास, जो कि अब चेन्नई है, के एक मध्यमवर्गीय परिवार में उनका जन्म हुआ था. मद्रास क्रिश्चियन कौलेज में पढ़ाई के दौरान वे समाज की रुढ़िवादी सोच से आगे बढ़कर कौलेज की महिला क्रिकेट टीम और फीमेल रौक बैंड में शामिल हुईं.