आप ने कितना पैसा कहां निवेश कर रखा है, इस सवाल का सटीक जवाब शायद ही सौ में से 15 लोग दे पाएं. इन 15 में से 10 उन योजनाओं के नाम ढंग से न बता पाएंगे, जिन में इश्तिहार, एजेंट, परिचितों या निवेश सलाहकार के कहने पर निवेश किया है. योजना क्या है, इस का रिटर्न कब और कितना है, अवधि कितनी है और उस की ग्रोथ (वृद्धि) कितनी है यह वाकई 85 फीसदी भारतीय निवेशक नहीं जानते.
बाजार की भेड़चाल, जानकारी का अभाव और मकसद साफ न होने से निवेश संबंधी सामान्य गलतियां लोग करते हैं, जो देखनेसुनने में भले बेहद सामान्य लगती हों पर महत्त्वपूर्ण हैं.
आइए, जानें ये 5 गलतियां कौन सी और कैसी हैं तथा इन से बचें कैसे-
पहली गलती योजना न समझ पाने की है. जब एजेंट आप को योजना के बारे में समझा रहा होता है तो दृश्य ठीक वैसा ही होता है जैसे किसी डाक्टर के सामने मैडिकल रिप्रैजेंटेटिव बैठा दवा के गुणदोष बता रहा होता है. फर्क इतना भर होता है कि आप डाक्टर जैसी तकनीकी जानकारी नहीं रखते.
दरअसल, एजेंट या सलाहकार आप को निवेश के लिए प्रेरित नहीं करता, बल्कि उकसाता है. यह उस की गलती नहीं कही जा सकती न ही यह कहा जा सकता है कि वह आप को ठग रहा है, बल्कि होता यह है कि वह आप की उद्देश्यहीनता का मनोवैज्ञानिक लाभ उठाता है. इस में भी खूबी यही होती है कि वह बीचबीच में कुछ जोखिम भी गिनाता है, पर वे तात्कालिक नहीं होते इसलिए आप उन पर गौर भी नहीं करते.