विज्ञान के आविष्कारों ने आज व्यक्ति के कई कामों को आसान बना दिया है. चाहे आप देश में हों या विदेश में कार्ड के सहारे खरीदारी से ले कर भुगतान तक हर काम अपनी सहूलियत के अनुसार कर सकते हैं. लेकिन ऐसे में अगर आप को कार्ड से जुड़े नियमों आदि की पूरी जानकारी न हो तो लेने के देने भी पड़ सकते हैं. पैसों के लेनदेन में उचित कार्ड का चयन सब से प्रमुख है.
बैंकों द्वारा जारी कार्ड मुख्यत: 2 प्रकार के होते हैं. डैबिट कार्ड और क्रैडिट कार्ड.
डैबिट कार्ड
डैबिट कार्ड आप की जमापूंजी के आधार पर प्रयोग योग्य होता है. इस में आप के बैंक में जितनी राशि जमा है उतना ही आप पैसा निकाल सकते हैं. इस बारे में स्टेट बैंक औफ इंडिया, मुंबई शाखा के प्रमुख रामदास कहते हैं कि आजकल सभी क्षेत्रों में कार्ड का प्रचलन हो गया है. रेलवे, हवाईयात्रा, खरीदारी से ले कर बिजली, पानी के बिलों तक का भुगतान आप कार्ड द्वारा आसानी से कर सकते हैं. कुछ बैंको के डैबिट कार्ड तो देश या विदेश कहीं भी प्रयोग किए जा सकते हैं. उन में स्वैपिंग कार्ड, गिफ्ट कार्ड, युवा कार्ड, इंटरनैशनल डैबिट कार्ड, गोल्ड कार्ड आदि सभी अच्छे कार्ड हैं. इंटरनैशनल डैबिट कार्ड बाहर बसे भारतीयों के लिए उपयोगी होता है. गोल्ड कार्ड, वीजा कार्ड आदि से यात्रा करते वक्त या किसी बड़ी चीज की खरीदारी में आसानी होती है, खासकर आभूषणों की. डैबिट कार्ड के लिए अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं पड़ती, क्योंकि आजकल अधिकतर बैंक खाता खुलने के साथ ही ग्राहकों को डैबिट कार्ड की सुविधा प्रदान करते हैं.
क्रैडिट कार्ड
क्रैडिट कार्ड का भी काफी प्रचलन है. उन से आप यात्रा टिकटों की खरीदारी, पैट्रौल की खरीदारी, बिलों का भुगतान आदि कर सकते हैं. विदेश यात्रा के दौरान आप अपने साथ अधिक कैश नहीं ले जा सकते. ऐसे में क्रैडिट कार्ड उपयोगी सिद्ध होता है.
सावधानी है जरूरी
डैबिट व क्रैडिट कार्ड का चलन बढ़ने के साथ ही इन के दुरुपयोग के किस्से भी सामने आने लगे हैं. यदि आप निम्न बातों का ध्यान रखेंगे तो चिंतामुक्त हो कर इन की सुविधा का पूरा आनंद उठा सकेंगे.
एक से अधिक क्रैडिट कार्ड का उपयोग करने से बचें फिर चाहे वे लाइफटाइम फ्री जैसी स्कीम के साथ ही क्यों न हों. एक से ज्यादा कार्ड आप को अनचाही शौपिंग के लिए तो उकसाएंगे ही, साथ ही भुगतान के समय आप के बजट पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है.
क्रैडिट कार्ड का प्रयोग समझदारी से करें और क्रैडिट लिमिट उतनी ही रखें जितनी आवश्यक लगे. यदि 1 महीने में 2 लाख से ऊपर का खर्च क्रैडिट कार्ड से करेंगे तो इनकम टैक्स विभाग को जवाब देना पड़ सकता है.
अधिकतर दुकानदार कार्ड से भुगतान स्वीकार करने के लिए 1 या 2% सरचार्ज की मांग करते हैं जबकि बैंकों की तरफ से ऐसा प्रावधान नहीं होता. ऐसी स्थिति में अपने बैंक से संपर्क करें.
डैबिट या क्रैडिट कार्ड पर कैशबैक या पौइंट्स गेन करने जैसी स्कीमें समयमसय पर आती रहती हैं जो बाद में ओवरहेड ऐक्सपैंस के रूप में आप का सरदर्द बन जाती हैं. इस से बचें और समझदारी से शौपिंग करें.
कार्ड के पीछे दिए गए 3 अंकों वाले सीवीवी नंबर को धुंधला कर दें और अपनी याददाश्त के लिए इसे कहीं लिख कर रख लें. इस से कार्ड का दुरुपयोग होने की संभावना कम हो जाती है.
कार्ड द्वारा किसी भी बिल का भुगतान करने के बाद भुगतान स्लिप को तब तक संभाल कर रखें जब तक आप के द्वारा किया गया ट्रैंजैक्शन बैंक की तरफ से क्लीयर न हो जाएं.
सब से महत्त्वपूर्ण बात यह है कि क्रैडिट कार्ड से बिल का भुगतान करने के बाद यदि बैंक द्वारा निश्चित अवधि के अंदर पैसा न जमा किया जाए तो भारीभरकम ब्याज चुकाना पड़ सकता है.