हम निवेश में फायदे के साथ-साथ सुरक्षा भी चाहते हैं. इस कारण से ज्यादातर लोग एफडी में निवेश करते हैं. पर सभी फिक्सड डिपोजिट फायदे की गारंटी नहीं देती. एफडी पर टैक्स बेनीफिट भी नहीं मिलता. एफडी इंवेस्टमेंट से पहले कुछ सावधानियां जरूरी हैं.

पूरी तरह सेफ नहीं है एफडी

एफडी कराने से पहले यह अच्छी तरह जान लें कि इसमें लगाया गया पैसा पूरी तरह सेफ नहीं है. बैंक अधिकतम 1 लाख रुपये की गारंटी देता है और यह नियम बैंकों की हर ब्रांच के लिए लागू है. ऐसे में अगर आपके पास 3 से 4 लाख रुपये इनवेस्ट करने के लिए हैं तो इस रकम को अलग-अलग बैंकों में तीन-चार जगह इन्वेस्ट करना अच्छा ऑप्शन है.

रिस्क हो जाता है कम

अलग-अलग बैंकों में इन्वेस्टमेंट करने से रिस्क कम हो जाता है. पर एफडी में अनिश्चितता बनी रहती है क्योंकि ब्याज दरें घटती-बढ़ती रहती हैं. इससे बचने के लिए ऐसे फिक्स्ड डिपॉजिट्स की लिस्ट बनाइए जिनकी अवधि अलग-अलग हो.

समय से पहले न तुड़वायें एफडी

एफडी में इन्वेस्ट करने से पहले सही अवधि का चुनाव करें. शुरू में ही अगर आपने लंबी अवधि के लिए इन्वेस्ट कर दिया और बीच में आपको एफडी तोड़नी पड़ गई तो आपको कम रिटर्न मिलेगा. अगर आपने 5 साल की एफडी कराने के बाद उसे 1 साल के बाद तोड़ दिया तो आपको ब्याज दर उतनी ही मिलेगी जितनी एक साल की एफडी पर मिलती है. इसके अलावा आपके ऊपर समय से पहले विद्ड्रॉल के लिए पेनल्टी भी लगाई जा सकती है.

एफडी ब्याज है टैक्सेबल

एफडी पर मिलने वाल ब्याज टैक्सेबल होता है. यदि 1 साल में ब्याज की रकम 10 हजार रुपए से ज्यादा बढ़ जाती है तो बैंक या कॉर्पोरेट 10.3 फीसदी टैक्स स्त्रोत पर काट लेगा. अगर आप हायर इनकम ग्रूप में आते हैं यानि कि सालाना आमदनी 5 लाख से ज्यादा की है तो आपकी आमदनी पर ज्यादा टैक्स लगेगा.

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