इंजीनियरिंग कॉलेज से पास आउट होते ही 23 साल की उम्र में ही श्रेया को बैंगलुरू की आईटी कंपनी में नौकरी मिल गई थी. श्रेया का पैकेज काफी बढि़या था. नौकरी लगते ही उसकी लाइफस्‍टाइल ही बदल गई. लेकिन नौकरी लगने के साल भर के भीतर ही उसकी यूएस बेस्‍ड कंपनी बंद हो गई. श्रेया की नौकरी चली गई, लाइफस्‍टाइल पर खर्च तो क्‍या उसे अपने जरूरी खर्च के लिए पैसे भी अपने माता-पिता से मांगने पड़े.

नौकरी करते वक्‍त उसे लगता था कि अब कभी भी घर वालों से पैसे नहीं मांगने पड़ेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. श्रेया ने इस बारे में काफी सोचा. अंत में जाकर उसे उन बातों का एहसास हुआ, जहां उसने गलती की. आज हम आपको बताते हैं कि किस तरह 25 की उम्र में आप स्‍मार्ट तरीके से निवेश कर अपना भविष्य सुरक्षित कर सकती हैं.

70 फीसदी का रूल फॉलो करना

एक अच्छी वेल टू डू फैमली में परवरिश होने की वजह से कभी श्रेया को खर्चों की दिक्कत नहीं हुई. लेकिन बड़े शहर में नौकरी करने के बाद उसे इस बात का पता चला कि उसकी सैलरी से केवल रोजमर्रा के खर्चे ही हो पा रहे थे. उसके बाद श्रेया ने नौकरी छोड़ी तो पता चला कि अगर वह अपनी सैलरी का 70 फीसदी खर्च करता और अपने बेफिजूल खर्चों पर लगाम लगाता. तो जरूरत के दिनों में उसके पास एक अच्छी खासी सेविंग्स होती. नौकरी के शुरुआती दिनों में आप पर जिम्‍मेदारियां कम होती हैं. ऐसे में आप आसानी से 30 फीसदी सैलरी को बचा सकते हैं.

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