निवेश के अलावा हमारे देश में लोगों का सोने के प्रति भावनात्मक लगाव भी है. यही कारण है कि दुनिया में सोने की कुल डिमांड में भारत और चीन की हिस्सेदारी 50 फीसदी से ज्यादा है और भारत दुनिया का सबसे ज्यादा गोल्ड कंज्युम करने वाला देश है.

आपके निवेश पोर्टफोलियो में सोने की जगह को भी विशेषज्ञ उतना ही जरूरी मानते हैं जितना नकदी या बैंक की एफडी को क्योंकि गोल्ड में निवेश जोखिम रहित माना जाता है. अब सवाल यह खड़ा होता है जब गोल्ड निवेश के लिए एक आकर्षक विकल्प है तो इसमें निवेश किस माध्यम से किया जाए. मसलन, ऑनलाइन गोल्ड ईटीएफ की मदद से या सोने के सिस्के या छड़ खरीद के? सोने के गहने खरीदना समझदारी का सौदा है या गोल्ड बॉण्ड में पैसा लगाना?

आप इन तरीकों से सोने में निवेश कर सकते हैं

1. सोने के गहने खरीदना

सोने के गहने खरीदना निवेश का सबसे पुराना तरीका है. इस विकल्प में गोल्ड की कीमत उसके डिजाइन पर निर्भर करती है ऐसा इसलिए क्योंकि डिजाइन के हिसाब से मेकिंग और वेस्टेज चार्जेस जोड़े जाते हैं. लेकिन ध्यान रहे जब इन्हीं गहनों को आप बाजार में वापस बेचने जाते हैं तब ज्वैलर मेकिग चार्जेस और वेस्टेज को काटकर पैसे देता है.

इसके फायदे-

– इसको खरीदना बेहद आसान है.

– आप इसे कभी भी पहनकर कहीं भी जा सकते हैं.

– अपको आसानी से बेचा भी जा सकता है और साथ ही इसकी अवज में लोन भी लिया जा सकता है.

इसके नुकसान-

– इसको संभालकर रखना कठिन काम है.

– अगर आप बैंक लॉकर का इस्तेमाल करते हैं तो आपको लॉकर चार्जेस का भुगतान करना होगा.

– मेकिंग और वेस्टेज चार्जेस आपके गोल्ड की कीमत घटा देते हैं.

– इसकी शुद्धता पर हमेशा संदेह रहता है.

2. सोने की छड़ या सिक्के

सोने के छड़ और सिक्कों की मदद से आप भविष्य में ज्वैलरी बनवा सकते हैं. बैंक और ज्वैलरी शॉप से इन्हे खरीदा जा सकता है. इसकी शुद्धता ज्वैलरी की तुलना में ज्यादा होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें मेकिंग व वेस्टेज चार्जेस शामिल नहीं होते हैं. आम तौर पर यह 5 ग्राम, 10 ग्राम और 50 ग्राम में उपलब्ध होते हैं.

इसके फायदे-

– इसकी शुद्धता ज्वैलरी से ज्यादा होती है.

– इसे गिफ्ट भी कर सकते हैं.

– इसे खरीदना भी आसान है.

इसके नुकसान-

– बैंक केवल इसे बेचते है, खरीदते नहीं. इसे खरीदने के लिए ज्वैलरी शॉप पर जाना पड़ता है.

– इसको ज्वैलरी में तबदील कराने के लिए आपको पैसे देने होंगे.

– यह हमेशा बाजार से कम कीमत पर बिकता है.

3. गोल्ड ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स)

भारत में गोल्ड में ऑनलाइन निवेश करने का एक विकल्प है गोल्ड ईटीएफ. इसे खरीदने और बेचने के लिए डीमैट एकाउंट अनिवार्य है. इसे खरीदने के लिए न्यूनतम मात्रा 1 ग्राम है. यह शेयर बाजार से शेयर खरीदने की तरह है. इसे खरीदने में केवल ब्रोकर और डीमैट एकाउंट के चार्जेस लगते है.

इसके फायदे-

– यह गोल्ड में निवेश करने का सबसे सुरक्षित विकल्प है.

– इस तरह से लंबे समय के लिए गोल्ड इकट्ठा कर सकते हैं.

– यह विनियमित (रेग्युलेटेड) बाजार है.

– इसमें किसी भी तरह के मेकिंग और वेस्टेज चार्जेस नहीं लगते.

– इसकी शुद्धता उच्चतम स्तर पर होती है.

– इसके जरिए अपने गोल्ड में किए गए निवेश को ट्रैक करना आसान है.

इसके नुकसान-

कंपनी की ओर से समय-समय पर लगने वाले चार्जेस जैसे कि फंड चार्जेस और डीमैट चार्जेस लगाए जाते हैं. घर में रखे गोल्ड की तुलना में ईटीएफ गोल्ड को बेचना एक मुश्किल काम है.

4. गोल्ड फंड्स (म्युचुअल फंड्स)

यह गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए म्युचुअल फंड्स होते हैं. इसका फायदा यह है कि इसमें न्यूनतम निवेश 1000 रुपए का होता है. इसके लिए डीमैट एकाउंट की जरूरत नहीं होती. तो इस तरह गोल्ड म्युचुअल फंड्स में निवेश करना भारत में ऑनलाइन गोल्ड में निवेश करने के बराबर होता है

इसके फायदे-

– इसमें किसी भी डीमैट एकाउंट की जरूरत नहीं है.

– इसमें न्यूनतम 500 रुपए महीना भी जमा कराया जा सकता है.

– इसमें ऑनलाइन निवेश किया जाता है.

– लिक्विडिटी इसमें मुद्दा नहीं होता.

– मंथली एसआईपी के भी विकल्प का चयन किया जा सकता है.

इसके नुकसान-

यह फंड ऑफ फंड होता है. इसकी कीमत गोल्ड ईटीएफ से ज्यादा होती है क्योंकि इसमें गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड फंड दोनों की कीमतों को जोड़ा जाता है.

5. सॉवरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम-

इस स्कीम को गोल्ड की फिजिकल डिमांड को कम करने के लिए लॉन्च किया गया था. इसमें खरीदारी बॉन्ड्स के रूप में होती है. कीमतों में उतार चढ़ाव के हिसाब से निवेश पर ब्याज दिया जाता है. इस स्कीम के अंतर्गत बॉन्ड्स को बैंक/ एनबीएफसी / पोस्ट ऑफिस/ नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) एजेंट्स के जरिए खरीदा या बेचा जा सकता है. भारत में गोल्ड में निवेश करने का यह एक और माध्यम है.

इसके फायदे-

– इसको सुरक्षित रखने में कोई दिक्कत नहीं होती.

– इसमें निवेश करने पर 1 से 2 फीसदी का ब्याज मिलता है.

– ब्याज के साथ साथ गोल्ड की कीमतों में तेजी और मंदी से भी फायदा मिलेगा.

– इसमें डीमैट और ईटीएफ जैसे कोई चार्जेस नहीं लगाए जाते.

– यह भारत सरकार की ओर से दी गई सॉवरन गारंटी है.

इसके नुकसान-

– इसमें निवेश से पहले एक बार सोचे कि इसमें निवेश करना कितना योग्य है. ऐसा इसलिए क्योंकि गोल्ड डेट प्रोडक्ट्स की तरह रिटर्न देता है.

– केवाइसी की मांग उन लोगों के लिए एक दिक्कत हो सकती है जो फिजिकल गोल्ड खरीदते वक्त केवाइसी जरूरी नहीं समझते.

– यह एक सरकारी बॉन्ड है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह हमेशा सकारात्मक रिटर्न्स देगा.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...