क्रैडिट कार्ड के जरिए होने वाली धोखाधड़ी इन दिनों चरम पर है. यह बहुत आसानी से मगर बिना शोर के किया जाने वाला शातिराना अपराध है. जब तक आप को इस अपराध की भयावहता का पता चलता है तब तक आप लुट चुके होते हैं. यह एक इलैक्ट्रौनिक उपकरण, जिस का आकार आप की हथेली से बड़ा नहीं है, के जरिए होता है. इस छोटे से उपकरण का नाम स्किमर है. फिलहाल यह स्किमर पूरी दुनिया में कहर बरपाए हुए है.
आप नियमित क्रैडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो एक बात गंभीरता से समझ लीजिए कि जब भी आप अपना क्रैडिट कार्ड भुगतान करने के लिए किसी को देते हैं या फिर किसी एटीएम मशीन में डालते हैं तो आप स्किमिंग नामक अंतर्राष्ट्रीय अपराध का शिकार बनने की जद में होते हैं या दूसरे शब्दों में इस अपराध के जोखिम जोन में होते हैं. एक बार यदि आप का कार्ड क्लोन कर लिया गया तो आप का सारा पैसा किसी दूसरे देश में खाली कर दिया जाएगा.
पश्चिमी देशों की तरह अब यह अपराध भारत में भी धड़ल्ले से हो रहा है. हर वह भारतीय जिस के पास क्रैडिट कार्ड है, कभी भी और कहीं भी इस लूट का शिकार बन सकता है. कैसे? आइए जानते हैं.
क्रैडिट कार्ड का एक शातिर अपराधी चेन्नई में एचडीएफसी बैंक के इर्दगिर्द सक्रिय था. पूरे शहर में इस बैंक की कई एटीएम मशीनें हैं. हर दिन हजारों लोग इन एटीएम सैंटर में आते हैं और नकदी निकाल कर चले जाते हैं. लेकिन एक रात कुछ अलग हुआ. चेन्नई पुलिस इस शख्स की ताक में थी और आखिरकार उस ने उसे दबोच लिया. यह शख्स था 38 वर्षीय म्यांमार का नागरिक गुणशेखरन. गुणशेखरन पुलिस द्वारा तब धरा गया, जब वह एचडीएफसी के एक एटीएम से पैसे निकाल रहा था. गिरफ्तारी के दौरान उस के पास से 43क्रैडिट कार्ड बरामद हुए जिन के माध्यम से वह 4 करोड़ रुपया निकालने की जुगत में था.