कालेज स्टूडैंट आरती ने प्यूमा का नया कालेज बैग औनलाइन और्डर किया. जब उसे बैग मिला तो उस में प्यूमा ही लिखा था पर न कोई गारंटी थी, न वारंटी. वह सैलर को पकड़ ही नहीं पाई क्योंकि वैबसाइट को कोई जानकारी नहीं थी. काफी कोशिशों के बाद भी उसे वैबसाइट से कोई जवाब नहीं मिला. सब टर्म्स और कंडीशंस के बाद पेमैंट हो चुका था. आरती के पास लोकप्रिय ब्रैंड की नकल स्वीकार करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था.

इसी तरह जब एक हाउसवाइफ मीना ने औनलाइन सब्जियां और्डर कीं. सब्जियां तो उसे मिलीं जरूर पर फ्रैश नहीं. जब अपने कस्टमर सर्विस से संपर्क किया तो उसे बताया गया यह मौसम, समय और दूरी पर निर्भर करता है जिस से सब्जियों में ताजगी खत्म हो सकती है.

जब आप को प्रोडक्ट को छूने और चैक करने का विकल्प नहीं है तो आप को क्या मिलेगा इस बात की गारंटी नहीं रहती है, इसलिए औनलाइन शौपिंग के लिए आप को काफी सचेत रहना चाहिए.

दूसरी ओर कुछ खुशनुमा मामले भी हैं. नेहा ने भी औनलाइन एक ड्रैस और्डर की. जब उसे ड्रैस मिली तो उसे वह फिट ही नहीं हुई. बड़े साइज की ड्रैस की रिक्वैस्ट करने पर उसे फौरन रिस्पौंस मिला और उसे रिप्लेसमैंट भी मिल गया. कस्टमर सर्विस ने बहुत सहायता की, वह इस सर्विस से इतनी खुश हुई कि उस ने बाकी परिचितों से भी इस वैबपोर्टल सर्विस की तारीफ की.

गार्गी को भी औनलाइन और्डर की हुई दवाइयों का रिप्लेसमैंट तुरंत मिल गया क्योंकि जो दवाइयां उसे पहले मिली थीं, उन की ऐक्सपायरी डेट बहुत पास थी.

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