पैसों की बात अगर हम करें तो इसे लेकर जितनी जल्दी प्लानिंग शुरू कर दी जाए उतना बेहतर होता है. ऐसा न करने पर अक्सर बाद में पछताना ही पड़ता है.

जब हम जवान होते हैं तो लगता है कि मौज मस्ती घूमना फिरना करने के लिए यही टाइम है. लिहाजा हमें अपनी जिंदगी जीनी तो चाहिए. ऐसा खासतौर पर 20 से 25 साल की उम्र के बीच होता है. लेकिन बाद में समझ में आता है कि समय रहते अगर पैसों की कीमत न समझी जाए तो हम बहुत कुछ हासिल करने से रह जाते हैं.

वो कौन सी गलतिया हैं जो ज्यादातर यंगस्टर्स करते हैं

सही करियर प्लान न करना

ज्यादातर भारतीय यूथ या तो डौक्टर बनना चाहते हैं या फिर इंजीनियर. लोग अपनी रुचि‍ और क्षमता को ढंग से समझ नहीं पाते हैं. नतीजा यह होता है कि कोचिंग में पैसे और अपनी मेहनत बर्बाद करने की रेस में शामिल हो जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि आप सही समय पर सही करियर का चुनाव करके उसी में पैसे और समय खर्च करें.

पैसे के लिए पैरेंट्स पर निर्भर रहना

कई महिलाएं ऐसी होती हैं जो खुद कमाने के बावजूद अपने पैरेंट्स का सहारा पूरी तरह से छोड़ नहीं पाती. ऐसा अक्सर पहली और दूसरी जौब में होता है कि यंगस्टर्स रहने, खाने और बाकी के शौक को पूरा करने में सारी सैलरी महीना खत्म होने से पहले ही खर्च कर देते हैं और फिर पैरेंट्स से मांगते है. ऐसी नौबत न आए इसके लिए जरूरी है मनी मैनेजमेंट सीखना.

लगातार बचत करना

पहली और दूसरी जौब के दौरान या फिर कौलेज लाइफ में भी पैसे बचाने के प्रति हमेशा एक जिम्मेदारी होनी चाहिए. बहुत से लोग एक महीने बचाते हैं और दूसरे महीने नहीं. ऐसी लापरवाही के चलते उनका सेविंग अकाउंट खाली रहता है और जरूरत के समय उनके पास कुछ नहीं होता. इसकी एक वजह जरूरत की चीजों में खर्च करने की जगह फालतू खर्च करना भी है.

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