जिन करदाताओं ने अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है उन्हें विभाग ने बड़ी राहत दी है. सरकार ने आईटीआर फाइलिंग की अंतिम तारीख को 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया है. यानी कि करदाताओं के पास आईटीआर फाइल करने के लिए अब पूरा एक महीना और है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक हालांकि कुछ टैक्सपेयर्स के लिए 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 ही है. गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने आईटीआर भरने की डेडलाइन को आगे बढ़ाया है.

जानिए पांच बड़ी बातें

  • अगर आप किसी वजह से 31 अगस्त तक भी अपना रिटर्न फाइल नहीं पर पातें हैं तो बता दें कि आकलन वर्ष 2018-19 के लिए 31 मार्च तक रिटर्न फाइल की जा सकती है. लेकिन इसके लिए लेट फी के रूप में आपको जुमाना देना होगा.
  • इस साल से लागू हुए प्रावधान के अनुसार अगर 31 अगस्त, 2018 से बाद और 31 दिसंबर, 2018 से पहले रिटर्न फाइल की जाती है तो 5000 रुपये का जुर्माना देना होगा.

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  • हालांकि, अगर करदता की आय पांच लाख रुपये से कम है तो अधिकतम जुर्माना 1000 रुपये का लगाया जाएगा.
  • अगर इनकम टैक्स एक जनवरी, 2019 से 31 मार्च, 2019 के बीच फाइल किया जाता है तो 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
  • आपको बता दें कि रिवाइज्ड इनकम केवल उस स्थिति में फाइल की जा सकती है अगर असल रिटर्न ड्यू डेट तक फाइल हुई थी.
  • आईटीआर को औनलाइन फाइल करना भर काफी नहीं होता है बल्कि इसको ई-वेरिफाई करना भी उतना ही जरूरी होता है. आप ऐसा आधार औथेंटिकेशन या आयकर विभाग में अपने एकनौलेजमेंट की हस्ताक्षरित कौपी भेजकर कर सकते हैं.

बिना आधार वालों को मिलेगी ITR फाइल करने की सुविधा

जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है, लेकिन वो औनलाइन आईटीआर फाइल करना चाहते हैं उनके लिए खुशखबरी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को निर्देश दिया है कि वो ऐसे लोगों के लिए ई-फाइलिंग वेबसाइट पर विशेष सुविधा उपलब्ध करवाए जिनके पास न तो आधार कार्ड है और न ही आधार एनरोल्मेंट नंबर.

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न्यायधीश एस रविंद्र भट्ट और ए के चावला की बेंच ने सीबीडीटी से कहा है कि जैसा कि आधार-पैन लिंकिंग की डेडलाइन को बढ़ाकर 31 मार्च 2019 कर दिया गया है लिहाजा वेबसाइट पर रिटर्न फाइलिंग करने वाले लोगों के लिए औप्ट आउट विकल्प उपलब्ध होना चाहिए. कोर्ट ने सीबीडीटी को निर्देश दिया है कि वो अपने प्लेटफौर्म पर अहम बदलाव भी करे ताकि करदाताओं को वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आईटीआर फाइल करने में सुविधा हो. यह पांचवां मौका है जब केंद्र ने आधार को पैन से लिंक करने की डेडलाइन में विस्तार दिया है.

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