वर्तमान समय में देश के भीतर लोन कल्चर तेजी से पांव पसार रहा है. इसकी गिरफ्त में सबसे ज्यादा नौकरीपेशा लोग हैं. आज के समय में लगभग हर तीसरा नौकरीपेशा अपनी सुविधानुसार क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहा है. क्रेडिट कार्ड लेना एक तरह से बैंक से लोन लेने जैसा ही होता है. ऐसे लोग जिनकी आमदनी कम होती है और उनके खर्चे ज्यादा होते हैं, वो क्रेडिट कार्ड का इस्तमाल करते हैं. ये लोग फिर धीरे-धीरे इस लोन को ईएमआई के माध्यम से चुकाते रहते हैं. क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आपके बारे में काफी कुछ बताने के लिए काफी होता है. आपके क्रेडिट कार्ड के लेन-देन को क्रेडिट ब्यूरो को सूचित किया जाता है जिसके आधार पर आपका क्रेडिट स्कोर तय किया जाता है. यही क्रेडिट स्कोर जब खराब हो जाता है तो आपको लोन लेने में मुश्किलें आने लग जाती हैं.
क्या होता है क्रेडिट स्कोर?
क्रेडिट स्कोर तीन अंको की एक संख्या होती है. यह संख्या 300 से 900 के बीच होती है. क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होता है, उसे उतना ही बेहतर माना जाता है. एक डिफौल्ट करने पर भी क्रेडिट स्कोर कमजोर हो सकता है. 79 फीसद व्यक्तिगत लोन 750 से ज्यादा के स्कोर पर ही अप्रूव किए जाते हैं. क्रेडिट इन्फौर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड (CIBIL) क्रेडिट स्कोर देता है, जो आपके पुराने वित्तीय इतिहास के आधार पर तैयार किया जाता है. इसे तैयार करते वक्त सिबिल आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को ध्यान में रखता है.
आपको क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जानिए