महंगाई और चिकित्सा सुविधाओं में तेजी से सुधार सीधे तौर पर गंभीर बीमारियों के इलाज के खर्चें को प्रभावित करता है. कुछ गंभीर बीमारियां पौलिसीधारक के मौजूदा स्वास्थ्य बीमा पर भी असर डाल सकती हैं. कैंसर, हृदय, किडनी, लंग्स ट्रांसप्लांट संबंधित बीमारियों का इलाज खर्च 30 लाख या उससे अधिक का पड़ जाता है. ऐसे में 5 लाख, 10 लाख या 20 लाख की हेल्थ पौलिसी अपर्याप्त मानी जाती है.
इस स्थिति में आपकी मदद क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस कर सकता है. यह महंगे इलाज के मामले में बेहतर कवर देता है. इसलिए क्रिटिकल इलनेस पौलिसी खरीदने से पहले कुछ जरूरी बातों का जरूर ध्यान रखें.
कितनी राशि का कवर खरीदना चाहिए?
निवेश और टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है चूंकि गभीर बीमारी के निदान के पश्चात आपकी आमदनी बंद हो जाती है एवं चिकित्सा एवं उपचार पर व्यय बढ़ जाता है, इसलिए आपको आपकी सालाना आय का कम से कम 10 से 12 गुना क्रिटिकल इलनेस कवर खरीदना चाहिए.
ध्यान से पढ़ें कि पौलिसी में क्या कुछ शामिल है-
हर कंपनी की क्रिटिकल इलनेस पौलिसी में शामिल होने वाली बीमारियां अलग अलग होती हैं. कुछ कंपनियों की पौलिसी में 10 बीमारियां शामिल होती हैं, वहीं कुछ के में 20 या उससे अधिक बीमारियां हो सकती है. आमतौर पर क्रिटिकल इलनेस पौलिसी में कैंसर, स्ट्रोक, किडनी संबंधित बीमारियां आदि शामिल होती हैं. अपनी हेल्थ प्रोफाइल में परिवार में पहले से चली आ रही बीमारियों (जैनेटिक बीमारी) के बारे में भी पता कर लें. जिस पौलिसी में ज्यादा से ज्यादा बीमारियां कवर होती है उसका चयन करें. लेकिन इसमें प्रीमियम राशि बढ़ सकती है.
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