बजट के बाद शेयर बाजार में शुरू हुई उथल पुथल थमने का नाम नहीं ले रही. वजह कभी बजट में LTCG की घोषणा तो कभी देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले से पर्दा उठना. बाजार की इस उठा पटक के बीच बीते एक महीने में निफ्टी करीब 4 फीसद से ज्यादा टूट गया. वहीं शेयर बाजार में निवेश करने का सुरक्षित रास्ता माने जाने वाले म्युचूअल फंड्स की एनएवी भी पिछले एक महीने में काफी कम हो गई क्योंकि फंड की एनएवी भी बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है.

अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या बाजार की इस उथल पुथल में निवेशक को सिप में निवेश जारी रखना चाहिए और दूसरा अपनी सिप के लिए कैसे एक अच्छे फंड का चयन करें.

क्यों चुनें सिप?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर कोई निवेशक सीधे बाजार में किसी शेयर को खरीदता है जो उसमे गिरावट आने पर उसे बड़ा नुकसान होता है, जबकि म्युचूअल फंड के रास्ते जाने पर उसका निवेश एक से अधिक शेयरों में होता है. ऐसे में किसी एक शेयर में बड़ी गिरावट आने के बाद भी पूंजी का बड़ा नुकसान नहीं होता. इसलिए छोटे निवेशकों को बाजार में सीधे निवेश करने के बजाय म्युचूअल फंड्स के रास्ते जाना चाहिए.

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बाजार की उथल पुथल में कभी ना बंद करें सिप

जितेंद्र सोलंकी के मुताबिक बाजार की उथल पुथल में कभी भी निवेशक को अपनी सिप बंद नहीं करनी चाहिए. सिप यानी सिस्टमैटिंक इन्वेस्टमेंट प्लान एवरेजिंग के नियम पर काम करता है. इस तरह से बाजार में जितनी ज्यादा उथल पुथल होगी सिप की एवरेजिंग उतनी ही बेहतर होगी और लंबी अवधि में निवेशकों को मोटा मुनाफा मिलेगा. सिप के जरिए निवेशक बाजार में हर स्तर पर खरीदारी करता है. बाजार जब ऊंचाई पर होता है तो म्युचअल फंड की एनएवी महंगी हो जाती है, वहीं बाजार में गिरावट आने पर एनएवी का भाव कम हो जाता है. निवेश उतना ही रहने पर महंगे बाजार में आपको कम यूनिट मिलती हैं वहीं सस्ते बाजार में यूनिट की संख्या बढ़ जाती है. इस तरह बाजार के फिर ऊंचाई पर जाने से निवेशकों को ज्यादा लाभ मिलता है.

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