मुसीबतें कभी बताकर नहीं आती, इसके लिए पहले तैयार रहना जरूरी है. भविष्य की आर्थिक जरूरतों के लिए हम एक बड़ी राशि इंश्योरेंस, यूलिप, फिक्स डिपौजिट और म्यूचुअल फंड जैसे विकल्पों में निवेश करते रहते हैं. लेकिन इन सब के बावजूद भी कई बार ऐसी मुसीबतों से निपटने में असमर्थ हो जाते हैं. पैसों की एकदम से जरूरत पड़ने की स्थिति में हम अपनी एफडी या यूलिप का प्रीमैच्योर विड्रौल कर लेते हैं, नतीजन पूरी रकम भी नहीं मिल पाती.

इस की तरह की गलतियों से बचने के लिए रखें नीचे दी गई बातों का ख्याल-

कैश आउटफ्लो जैसे कि होम लोन, लोन ऐर इंश्योरेंस प्रीमियम ऐसे खर्चें हैं जो पहले से तय होते हैं. इनके साथ दिक्कत तब आती है जब कैश इन्फ्लो यानि कि आय में अनियमितता आ जाती है. इसलिए बहुत जरूरी है कि जो लोग स्वनियोजित हैं या सीजनल व्यवसाय के साथ जुड़े हैं उन्हें आकस्मिक व्यय के लिए एक फंड तैयार करना चाहिए. विशेषज्ञ मानते हैं कि इमर्जेंसी फंड की राशि उतनी होनी चाहिए जो आपके 6 महीनों के खर्चों को पूरा कर सके. इस राशि को सेविंग एकाउंट या लिक्विड म्युचुअल फंड में निवेश करें. इन फंड्स में लौक-इन पीरिएड नहीं होता और विड्रौल में भी ज्यादा समय नहीं लगता. बचत खाते में इमर्जेंसी फंड के तौर पर जमा राशि किसी भी समय एटीएम की मदद से निकाल सकते हैं.

अपने अनुभव के हिसाब से आकलन कर लें कि एक महीने में औसतन आपका कितना खर्चा होता है. इसके बाद जो भी सरप्लस हो उसे लिक्विड फंड में निवेश कर दें. इस राशि का इस्तेमाल तुरंत भुगतान में किया जा सकता है जैसे कि किसी नए इक्विपमेंट या फिर यदि आपका व्यव्साय बढ़ता है तो अतिरिक्त औफिस जगह के डिपौजिट के लिए. कोशिश करें कि निजी और बिजनेस खर्चें अलग रखें, इससे आपको मौजूदा बिजनेस के खर्चों, मुनाफा और व्यवसाय में क्या नया है जैसी चीजों के बारे में पता चलता रहेगा.

finance

कैश फ्लो में उस समय पर भी दिक्कत देखने को मिलती है जब अनपेक्षित खर्चें सामने आ जाते हैं. ऐसी स्थिति में बेहतर है कि डेट को एसेट क्रियेट करने में, राजस्व बढ़ाने और प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करें बजाय इस तरह कि चीजों के पीछे भागने के जो आपके व्यवसाय में कोई बढ़ोतरी नहीं कर रहे. एक डौक्टर के उदाहरण से समझें- डौक्टर के लिए सबसे नया, अप टू डेट इक्विपमेंट लेना अपने क्लिनिक के इंटिरीयर से ज्यादा महत्वपूर्ण है.

डेट का सही इस्तेमाल करें और फिक्स्ड डिपौजिट, म्युचुअल फंड्स, स्टौक्स या प्रौपर्टी के लिए ओवरड्राफ्ट के विकल्प का चयन करें. यह पर्सनल लोन की तुलना में कम ब्याज दरों पर उपलब्ध होता है. क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करेत दौरान हर महीने की पूरी बकाया राशि का भुगतान करें. कोशिश करें कि न्यूनतम से ज्यादा भुगतान कर दें.

एक बार इमरजेंसी फंड का निर्माण करने के बाद सुनिश्चित करें कि सभी संभावित जोखिम जैसे कि हेल्थ, अक्षमता, मृत्यु (वित्तीय देनदारी) और प्रौपर्टी इंश्योरेंस कंपनी को ट्रांस्फर कर दें. मूल रूप से वो सभी खरीद जिनकी जरूरत मेडिकल इमरजेंसी, अक्षमता, जीवन, एसेट (कार, होम, औफिस इक्विपमेंट) या अन्य किसी व्यवसायिक देनदारी के लिए हैं. ऐसा न होने की स्थिति में आपके परिवार या व्यवसाय को भारी जोखिम उठाना पड़ सकता है.

जब भविष्य के लिए आपका ये प्लान तैयार हो जाए तो अपने परिवार की जरूरत और अपनी रिटायरमेंट की जरूरतों को पूरा करें. अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपने पोर्टफोलियो में डेट, इक्विटी, रियल एस्टेट और गोल्ड को शामिल करें.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...