अधिकांश फाइनेंशियल प्लानर्स सुझाव देते हैं कि किसी भी फाइनेंशियल प्लान में सबसे पहला स्टेप पर्याप्त हेल्थ इंश्योरेंस का होना होता है. किसी व्यक्ति को अपनी पहली नौकरी मिलते ही सबसे पहले हेल्थ कवर ले लेना चाहिए. यह न सिर्फ अपने लिए बल्कि खुद के परिवार के लिए भी जरूरी है.

आपको जानकारी के लिए बता दें कि हेल्थ इंश्योरेंस के लिये दिए जाने वाले प्रीमियम पर टैक्स लाभ भी मिलता है. यह आपकी करयोग्य आय कम कर टैक्स देनदारी को घटा देता है.

जानिए इससे जुड़ी पांच अहम जानकारियां

मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम

सेक्शन 80डी के अंतर्गत मेडिकल इंश्योरेंस के लिए भुगतान की गई प्रीमियम राशि कटौती के योग्य होती है. इस सेक्शन के तहत क्लेम की जाने वाली अधिकतम राशि 60,000 रुपये तक हो सकती है. लेकिन इसमें कई उप सीमाएं भी शामिल हैं. कोई भी व्यक्ति प्रीमियम राशि पर 25000 रुपये की अधिकतम कटौती क्लेम कर सकता है जो उसने खुद के लिए, पत्नी या आश्रित बच्चों के लिए दी हो. साथ ही 25000 रुपये की अतिरिक्त कटौती भी वैध होती है अगर प्रीमियम माता-पिता के लिए भुगतान किया गया हो. अगर पौलिसीधारक वरिष्ठ नागरिक है तो इस कटौती की लिमिट 30,000 रुपये होती है.

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कितनी हुई टैक्स बचत

अगर आप स्वयं या परिवार के लिए हैल्थ कवर ले रहे हैं और 25,000 रुपए के सालाना प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं तो इस पर टैक्स की बचत 10 फीसद, 20 फीसद या फिर 30 फीसद हो सकती है. वैल्यू के टर्म में यह क्रमश: 2,575 रुपए, 5,150 रुपए और 7,725 रुपए की टैक्स बचत होगी. यह आयकर की धारा 80सी के अंतर्गत होने वाली टैक्स सेविंग के बाद की बची रकम पर टैक्स कटौती के क्लेम किए जाने योग्य होती है.

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