आयकर रिटर्न दाखिल करने के दौरान आपको अपनी सेविंग और उन खर्चों की पूरी डिटेल देनी होती है जो आपको टैक्स की बचत करने में मदद करते हैं. टैक्स डिडक्शन की श्रेणी में आने वाले अधिकांश खर्चे 80सी के तहत आते हैं, हालांकि कुछ ऐसे खर्चे भी होते हैं जो आपकी टैक्स की बचत करते हैं और ये आयकर की धारा 80सी के दायरे में नहीं बल्कि अन्य धाराओं के अंतर्गत आते हैं. हम अपनी इस रिपोर्ट में आपको ऐसे ही कुछ खर्चों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.

एजुकेशन लोन

अगर आपने अपने लिए, पत्नी या बच्चे के लिए एजुकेशन लोन लिया हुआ है या फिर आप किसी ऐसे स्टूडेंट के कानूनी रूप से अभिभावक है तो सेक्शन 80ई के तहत लोन के लिए भुगतान की गई ब्याज राशि पर क्लेम कर सकते हैं. किसी भी वित्त वर्ष में भुगतान की गई कुल ब्याज राशि बिना किसी लिमिट के इस कटौती के लिए वैध है. स्कूल की ट्यूशन फीस भी सेक्शन 80सी के टैक्स बेनिफिट्स के दायरे में आती है. टैक्स बेनिफिट की राशि 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष की कुल सीमा के भीतर है. टैक्स के लिहाज से फीस करदाता की टोटल ग्रौस इनकम को कम देता है जिससे टैक्स देनदारी भी कम हो जाती है.

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मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम

सेक्शन 80डी के तहत मेडिकल इंश्योरेंस के लिए भुगतान की गई प्रीमियम राशि कटौती के लिए योग्य होती है. इस सेक्शन के तहत क्लेम की जाने वाली अधिकतम राशि 60,000 रुपये है. लेकिन इसमें कई उप सीमाएं भी शामिल हैं. कोई भी व्यक्ति 25000 रुपये की प्रीमियम राशि पर अधिकतम कटौती क्लेम कर सकता है जो उसने खुद के लिए, पत्नी या आश्रित बच्चों के लिए दी है. साथ ही 25000 रुपये की अतिरिक्त कटौती भी वैध होती है अगर प्रीमियम माता-पिता के लिए भुगतान किया गया है. अगर पौलिसीधारक वरिष्ठ नागरिक है तो कटौती की लिमिट 30,000 रुपये होती है.

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