अपने कामकाजी वर्षों में उतर रहे अधिकतर युवा इस बात से अनजान होते हैं कि वित्तीय नियोजन (फाइनेंशियल प्लेनिंग) की शुरुआत कब की जाए. कुछ तो आर्थिक नियोजन के बारे में काफी देर तक सोचते भी नहीं, जबकि कुछ इसे बेहद कठिन काम मान कर इससे बचते हैं.
निजी वित्त प्रबंधन (फाइनेंस मेनेजमेंट) में किसी का गणित में अच्छा होना जरूरी नहीं है. आर्थिक नियोजन की सही राह पर चलने के लिए आपको थोड़े से अध्ययन और इस दिशा में काम करने के लिए तैयार होने की ही जरूरत है. कुछ मूलभूत बातों का पालन कर इसे आसानी से किया जा सकता है.
खर्च पर नियंत्रण रखना जरूरी
अच्छे वित्त के प्रबंधन के लिए आप को अपनी जरूरतों और इच्छाओं में अंतर समझना आवश्यक है. कोई भी सामान खरीदने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति पर उसके परिणामों का आकलन करें और इस पर भी गौर करें कि आपको उसकी कितनी जरूरत है.
यदि उस सामान को खरीदने की अत्यंत आवश्यकता है और आपके वित्त पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ेगा तभी अपने फैसले पर आगे बढ़ें. इसका यह मतलब कतई नहीं कि आप जिंदगी का आनंद उठाना छोड़ दें.
दोस्तों के साथ घूमना-फिरना और मनोरंजन किसी भी युवा के लिए प्रमुख जरूरत है, क्योंकि उन्होंने कई सालों तक पढ़ाई में कड़ी मेहनत करने के बाद नौकरी करना आरंभ किया है. लेकिन जिन चीजों की आपको जरूरत नहीं है, उन्हें खरीदने पर लगाम लगाना बहुत जरूरी है और इसके लिए आप में आत्म-नियंत्रण की भावना मजबूत होनी चाहिए.
बजट बनाकर तय करें दायरा
एक बार वित्तीय लक्ष्य तय करने के बाद, बजट बनाएं और प्रयत्न पूर्वक उसका ज्यादा से ज्यादा पालन करें. एक महीने बाद, आपको अहसास होगा कि बजट बनाना और खर्चों पर नजर रखना कितना मददगार होता है.इससे आपको पता चलता है कि आपको कितना पैसा खर्च करना चाहिए और कितनी बचत करने की आवश्यकता है. इससे आपके वित्तीय मसलों के बारे में भी स्पष्ट जानकारी मिलती है और आप अनावश्यक खर्चों अथवा उधारी से बचकर अपने पास उपलब्ध साधनों में जीवन-यापन कर सकते हैं.
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