भारतीय परिवारों में सोने व इस के बने आभूषणों के प्रति दीवानगी शुरू से ही रही है. सोने के आभूषण जहां महिलाओं की पहली चाहत होती हैं, वहीं सोने में निवेश करना भी एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है. सोना किसी विषम परिस्थिति में परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में भी सक्षम है. शायद यही वजह है कि लोग ऐसी किसी स्थिति में किसी दोस्त, रिश्तेदार आदि से उधार मांगने से बेहतर गोल्ड लोन को तरजीह दे रहे हैं. दरअसल, गोल्ड के बदले लोन लेने की प्रक्रिया सरल है और इस में बैंकों के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ते.
गोल्ड लोन की जरूरत
घर की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने, व्यवसाय में पैसा लगाने, किसी दुर्घटना अथवा अन्य विषम परिस्थितियों में जब पैसे की सख्त जरूरत हो और कोई आसान रास्ता नहीं हो तो लोग उस वक्त गोल्ड लोन लेते हैं. मगर इस के लिए जरूरी है कि घर में पर्याप्त गोल्ड मौजूद हो.कर्ज चाहे जैसा भी हो, होता तो एक बोझ ही. लेकिन अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े, इसलिए लोग गोल्ड लोन को तरजीह देते हैं.
लोन की प्री पेमैंट
लोन की प्री पेमैंट अधिकांश मामलों में यों तो अच्छी मानी जाती है, मगर जानकारों का मानना है कि अगर प्री पेमैंट की तुलना में उसी राशि से कुछ अधिक अर्जित किया जाए, तो प्री पेमैंट की तुलना में उस का निवेश बेहतर माना जाएगा.मासिक किस्तों (ईएमआई) के बो?ा तले न दबेंगोल्ड लोन हो अथवा अन्य कोई लोन, अपनी मासिक आमदनी को ध्यान में रखते हुए ही लोन लें ताकि आप को उस मासिक किस्त भरने में आसानी हो. कहीं ऐसा न हो कि आप की आमदनी का अधिकांश भाग मासिक किस्त चुकाने में ही चला जाए और आप और अधिक कर्ज में डूबते जाएं.
कहां से लें लोन
हाल के दिनों में गोल्ड लोन के कारोबार में उतरी कंपनियां खासी तरक्की कर रही हैं. अभी भारतीय बाजार में 3 तरह की मुख्य कंपनियां हैं, जो गोल्ड लोन दे रही हैं. पहली, बैंक जो 60 से 65% तक लोन देते हैं. दूसरी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां जो 70 से 75% तक लोन देती हैं और तीसरी कुछ ब्रोकर के द्वारा 100% तक लोन मिलता है.
सभी बड़े बैंक भी गोल्ड रख कर कर्ज देते हैं. इंडियन बैंक, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा, सैंट्रल बैंक, यूनियन बैंक, स्टेट बैंक सभी गोल्ड लोन देते हैं और 7 से 9% के ब्याज पर कर्ज देते हैं. लेकिन गोल्ड लोन लेने से पहले जरूरी है कि उस की इन बारीकियों को अच्छी तरह समझ लें:
- गोल्ड लोन अन्य लोन की तरह नहीं होता. गोल्ड लोन चुकाने की अवधि कम होती है. आमतौर पर 1 महीने से 1 साल तक समय पर अदा नहीं करने पर जुरमाना भरना पड़ सकता है.द्य अकसर ऐसी कंपनियां, जो गोल्ड के बदले लोन की राशि अधिक देती हैं, वे भारी ब्याज वसूल करती हैं.
- 1 दिन का विलंब भी ब्याज की दरों में बदलाव ला सकता है. मान लिया जाए कि 24% ब्याज दर पर लोन की किस्त यदि निर्धारित तिथि पर नहीं जमा की जाए तो ब्याज दर 25% हो सकती है.
- गोल्ड लोन समय पर अदा नहीं करने पर 5% से 30% तक ब्याज दर वसूला जा सकता है.
- उधार चुकाने का समय कब तक है, यह अवश्य जान लें.द्य समय की अवधि खत्म होने पर सोना वापस नहीं मिल पाता. इस के लिए सोने को फिर से गिरवी रखना होगा. इसलिए यह जरूरी है कि आप समय पर लोन चुका दें.
- गोल्ड लोन का उधार चुकाने के लिए बैंककर्मी कभीकभी याद दिलाते हैं अथवा पत्र के माध्यम से सूचित करते हैं. ऐसे में यह जरूरी होगा कि आप फौर्म भरते समय सहीसही पता व फोन नंबर लिखें.
- फौर्म भरते समय नियम व शर्तों को तसल्लीपूर्वक पढ़ लें. अन्य जानकारी के लिए लोन प्रदाता कंपनी के कर्मचारियों से खुल कर बात करें.
कैसे मिलता है लोन
आप के पास पर्याप्त गोल्ड हो क्योंकि इसी के मार्केट वैल्यू के आधार पर लोन मिलता है. सोने की शुद्धता (कैरेट) कितनी है, यह भी देखा जाता है. गोल्ड लोन प्रदाता कंपनी आप से गोल्ड के अलावा अन्य जरूरी कागजातों मसलन, पहचानपत्र और ऐड्रैस प्रूफ के साथसाथ आप के फोटो (पासपोर्ट) की भी डिमांड करेगी, इसलिए इन्हें साथ ले जाना न भूलें.सर्तकता है जरूरीबाजार में ऐसे कई नकली संस्थान, स्थानीय दुकानदार जो गोल्ड के बदले 100% लोन देने की पेशकश करते हैं, उन से सतर्क रहें.
बाजार में ये कुछ नकली संस्थान असंगठित तरीके से सोने के बदले कर्ज देते हैं, जिस में धोखाधड़ी की गुंजाइश रहती है. आप बैंक या अन्य बड़े वित्तीय संस्थानों से ही गोल्ड लोन लें ताकि आप का सोना सुरक्षित रहे.नकली या खोटा सोना रख कर कर्ज लेने वाले धोखेबाज भी मार्केट में सक्रिय हैं जिन की वजह से बैंकों को कर्ज देते समय काफी सतर्कता बरतनी पड़ती है. अगर कर्ज समय पर न चुकाया जाए तो गोल्ड की नीलामी कर दी जाती है.