आयकर कानून करदाताओं को घर के संदर्भ में विभिन्न लाभों का दावा करने की अनुमति देते हैं. लेकिन ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या कोई करदाता हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) ओर होमलोन बेनफिट्स का क्लेम एक ही समय में कर सकता है. चलिये जानते हैं इस मुद्दे पर एक्सपर्ट की राय.
हाउस रेंट अलाउंस का दावा करने के लिए शर्तें
हाउस रेंट अलाउंस पर टैक्स लाभ का फायदा सिर्फ वही व्यक्ति ले सकता है, जो अपने नियोक्ता से एचआरए प्राप्त करता है. यह सेल्फ एम्प्लौयड व्यक्ति के लिए नहीं होता है. इसका लाभ उठाने के लिए, कर्मचारी की ओर से किराए पर खर्च करना अनिवार्य होता है. साथ ही इसके लिए लिए करदाता का उस जगह पर रहना भी जरूरी है जिसके लिए वह किराया दे रहा है.
एचआरए का दावा उस सूरत में नहीं किया जा सकता है जब आप जिस मकान या संपत्ति के लिए किराया दे रहे हैं लेकिन वहां आपकी जगह आपका कोई परिजन रह रहा हो, भले ही वो करदाता पर निर्भर हो या न हो. इसका दावा उस सूरत में भी नहीं किया जा सकता है, जहां आवास या तो आंशिक या पूरी तरह से करदाता के स्वामित्व वाला होता है.
अगर कोई कर्मचारी किसी प्रौपर्टी का ज्वाइंट ओनर है और वो किसी अन्य ज्वाइंट ओनर की प्रौपर्टी में रहने के लिए रेंट (किराया देता है) तो ऐसे पेमेंट के लिए भी एचआरए का दावा नहीं किया जा सकता है.
आयकर विभाग के 2ए नियम के मुताबिक एचआरए के लाभ इन तीनों में से जो कम होगा वो होंगे:
(a) मूल HRA जो आपको वास्तव में प्राप्त हुआ है.
(b) बेसिक सैलरी से 10 फीसद अधिक का किराया.
(c) अगर कोई कर्मचारी किन्ही चार मेट्रो शहरों में से एक में रहता है तो उसकी बेसिक सैलरी का 50 फीसद.
कानून यह निर्धारित नहीं करता है कि एचआरए बेनिफिट उस सूरत में क्लेम नहीं किया जा सकता है जब टैक्स पेयर के पास खुद का घर हो और वो होम लोन के संबंध में पहले ही कर लाभ का दावा कर रहा हो.
होम लोन पर कर लाभ का दावा करने के लिए शर्तें
आयकर की धारा 80सी और धारा24 (बी) के तहत होम लोन के प्रिंसिपल और ब्याज घटकों पर कटौती की भत्ता के लिए मुख्य शर्त यह है कि व्यक्ति खुद घर की संपत्ति का मालिक होना चाहिए. धारा 80 सी के तहत कर लाभ, केवल उन्हीं व्यक्तियों की ओर से लिए गए होम लोन के लिए उपलब्ध हैं, जो खुद के रहने के लिए घर की खरीद करते हैं. इसके अलावा प्रौपर्टी की खरीद के लिए उधार ली गई रकम पर ब्याज पूरी तरह टैक्स कटौती योग्य होता है. खुद के मालिकाना हक वाली संपत्ति पर ब्याज छूट का लाभ 2 लाख रुपए तक ही सीमित होता है.
एचआरए के साथ ही होम लोन बेनिफिट का दावा
कानून एक कर दाता को एक से अधिक संपत्ति (घर) रखने की अनुमति देता है, हालांकि उसे खुद के मालिकाना हक वाली किसी एक संपत्ति का ही चयन करना होगा. एक्सपर्ट्स की माने तो कोई करदाता हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) ओर होमलोन बेनफिट्स का क्लेम एक ही समय में कर सकता है. उन्होंने इनका मानना है कि अगर किसी व्यक्ति का देहरादून में मकान है और वो दिल्ली में नौकरी करता है तो उस सूरत में भी वो एचआरए क्लेम कर सकता है. हालांकि अगर किसी व्यक्ति का मकान भी उसी शहर में है जहां वो काम करता है और वो किराए के मकान में रहकर एचआरए क्लेम करना चाहे तो यह साबित करना तार्किक रूप से मुश्किल हो सकता है कि करदाता दोनों घरों पर रह रहा है.
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