आजकल हम कैश निकालने के लिए रोजाना ATM (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) का प्रयोग करते हैं. यह आज हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का एक जरूरी हिस्सा बन चुकी है. लेकिन ऐसी बहुत सी बातें हैं जो शायद आप ATM के बारे में नहीं जानती होंगी. आइए, आज हम आपको ATM के बारे में कुछ मजेदार फैक्ट्स बताते हैं.

कब हुआ था ATM का आविष्कार?

ATM एक टेलिकम्युनिकेशन डिवाइस है जो बिना किसी कैशियर के बैंक और कस्टमर के बीच फाइनैंशल ट्रांजैक्शन करती है. इस कॉन्सेप्ट पर पहली मशीन शायद जापान में 1966 में लगाई गई थी. ऐसा माना जाता है कि पहली कैश मशीन जिससे कस्टमर अपने अकाउंट से नकदी निकाल सकते थे, 1967 में ब्रिटेन में बार्कलेज बैंक द्वारा स्थापित की गई थी. इसमें ग्राहक को कैश लेने के लिए बैंक का चेक डालकर अपना 6 डिजिट का पिन डालना होता था.

आखिर कैसे काम करता है ATM?

ATM एक डेटा टर्मिनल है जो एक ATM कंट्रोलर से जुड़ा रहता है. यह ठीक वैसा ही है जैसे कोई कंप्यूटर किसी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से जुड़ा रहता है. इसे EFTPOS (इलैक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर ऐट पॉइंट ऑफ सेल) स्विच के नाम से जाना जाता है.

अलग-अलग बैंकों के बीच कैसे होता है ट्रांजैक्शन?

शुरू में ATM केवल एक ही बैंक से जुड़े रहते थे जिससे कस्टमर केवल अपने बैंक की मशीन से ही कैश निकाल सकता था. बाद में लागत कम करने के लिए बैंकों ने एक ATM कन्सॉर्शियम बनाया जो एक कंप्यूटर नेटवर्क है. यह नेटवर्क सभी बैंकों के ATM से जुड़ा रहता है. यह EFTPOS टर्मिनल से भी जुड़ा रहता है जिससे कहीं भी कार्ड के जरिए वस्तु और सेवाएं लेने पर बैंक तक ट्रांजैक्शन की सारी जानकारी पहुंच जाती है.

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