क्या आप पूरी तरह से इंश्योर्ड (Insured) हैं? आप में से अधिकांश लोग शायद हां में उत्तर दें. आपके न रहने के बाद आपके परिवार की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए जीवन बीमा पॉलिसी है और अस्पताल में भर्ती होने पर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी मेडिकल खर्च के लिए धन उपलब्ध कराएगी. लेकिन क्या यह पर्याप्त है? विशेषज्ञ इसे पर्याप्त नहीं मानते.
दुर्घटना के कारण यदि आपके अपंग होने की वजह से आय का जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई न तो जीवन बीमा पॉलिसी और न ही हेल्थ इंश्योरेंस कवर कर पाएंगे. ऐसी स्थिति में पर्सनल एक्सीडेंटल कवर ही आपको बचा सकेगा.
पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी स्थाई और अस्थाई विकलांगता के कारण आय को होने वाले नुकसान की वित्तीय भरपाई करती है. अगर दुर्घटना में पॉलिसी होल्डर की मृत्यु हो जाती है तो ऐसे में बीमा कंपनी उसके नॉमिनी को सम एश्योर्ड राशि का भुगतान करती है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यदि घर में आप अकेले कमाने वाले सदस्य हैं तो आपको अपने इंश्योरेंस पोर्टफोलियो में पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी को जरूर जोड़ना चाहिए.
पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी न केवल बड़ी दुर्घटनाओं को कवर करती है बल्कि यह छोटी दुर्घटनाओं में भी सहायता प्रदान करती है. यहां तक कि छोटे से एक्सीडेंट में होने वाले मामूली फ्रेक्चर को भी इसमें शामिल किया जाता है. इसके साथ ही यह पॉलिसी काफी किफायती होती है और इसका प्रीमियम कम होता है.
पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस पॉलिसी में पर्मानेंट टोटल डिसेबिलिटी, पर्मानेंट पार्शियल डिसेबिलिटी और टेंपरेरी टोटल डिसेबिलिटी शामिल होती है. मृत्यु या पर्मानेंट टोटल डिसेबिलिटी (शरीर के किसी अंग के काम करना बंद कर देना या आंखों की रोशनी खो जाने की स्थिति में) 100 फीसदी सम एश्योर्ड राशि का भुगतान किया जाता है. दुर्घटना के दौरान पर्मानेंट पार्शियल डिसेबिलिटी में अंगुली कट जाए तो पॉलिसी में स्पष्ट उल्लेखित की गई राशि दी जाती है.
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