सपनों को साकार करने के लिए शिक्षा जरूरी है और आजकल उच्च शिक्षा हासिल करना हर किसी के बस की बात नहीं. फीस और दूसरे खर्चे किसी भी अभिभावक की कमर तोड़ सकते हैं. पर मेधावी छात्रों को निराश होने की जरूरत नहीं. एजुकेशन लोन है न आपके सपनों को पंख लगाने के लिए. कैसे और किन्हें मिल सकता है एजुकेशन लोन आपको बताते हैं इस खास रिपोर्ट में.
अच्छी शिक्षा अब सस्ती नहीं रही, अगर आपका किसी अच्छे कौलेज या कोर्स में एडमिशन हो जाता है तो आपके सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है संस्थान की आसमान छू रही फीस. लेकिन विभिन्न बैंकों की एजुकेशन लोन योजनाओं के कारण अब फीस आपकी राह में रोड़ा नहीं बन पाएगी. सरकारी और प्राइवेट, दोनों ही तरह के बैंक आसान शर्तों पर एजुकेशन लोन मुहैया करा रहे हैं. कुछ सामान्य से दस्तावेजों के जरिए आप एजुकेशन लोन प्राप्त कर सकती हैं.
यही नहीं, पढ़ाई पूरी करने के बाद जब आपकी नौकरी लग जाए, तब आप इसे आसान किश्तों के साथ चुका सकती हैं.
किसे मिल सकता है एजुकेशन लोन
एजुकेशन लोन हासिल करने के लिए आपको एक गारंटर की जरूरत होगी. अगर आप कर्ज चुकाने में सफल नहीं हो पाते तो गारंटर को लोन चुकाना होगा. ज्यादातर बैंक ऐसे लोगों को गारंटर मानते हैं, जिनकी नेटवर्थ या सालाना आय एजुकेशन लोन की कुल पूंजी से ज्यादा हो.
एजुकेशन लोन लेने के लिए छात्रों का शैक्षणिक रिकौर्ड अच्छा होना जरूरी है, साथ ही माता-पिता या अभिभावक के पास आय का नियमित स्त्रोत होना चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर वे लोन का भुगतान कर सकें.
ज्यादातर नाबालिगों को एजुकेशन लोन नहीं मिलता, क्योंकि बैंक यह देखता है कि उनकी लोन चुकाने की क्षमता है या नहीं. लेकिन अगर आपके माता-पिता लोन चुकाने में सक्षम हैं तो आपको एजुकेशन लोन मिल सकता है.
किन कोर्सों के लिए मिलेगा एजुकेशन लोन
आज हर तरह के कोर्स के लिए एजुकेशन लोन की व्यवस्था है. अगर आप तकनीकी, मैनेजमेंट और अन्य व्यावसायिक कोर्स कर रहे हैं तो आपको आसानी से लोन मिल जाता है. इसके लिए मुख्य शर्त यह है कि आपका संस्थान सरकारी या सरकार की किसी मान्यताप्राप्त बौडी से मान्यताप्राप्त हो।.
कितनी राशि का ऋण
आवेदक के अभिभावक या खुद छात्र की ऋण चुकाने की क्षमता के आधार पर अधिकतम 10 लाख रुपये तक ऋण देने का प्रावधान है. विदेश में पढ़ाई के लिए अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये रखी गई है.
कैसे होगी ऋण की वापसी
ऋण वापसी कोर्स पूरा होने के एक साल बाद या रोजगार मिलने के छ: महीने बाद जरूरी है. ऋण वापसी शुरू होने के पांच से सात सालों के बीच पूरी होनी चाहिए. ऋण चुकाने की अवधि अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग है. यह कोर्स के आधार पर तय किया जाता है.
किन खर्चों को कवर करता है एजुकेशन लोन
- पढ़ाई पूरी करने के लिए अन्य जरूरी खर्चे जैसे एजुकेशन टूर, शोध, प्रोजेक्ट वर्क आदि का खर्च.
- कुछ बैंक छात्र का 50,000 रुपये तक टू-व्हीलर का खर्च भी उठाते हैं.
- कौलेज, स्कूल, हौस्टल और ट्यूशन फीस का खर्च.
- किताबों, शैक्षणिक उपकरणों और यूनिफौर्म का खर्च.
- कौशन मनी, बिल्डिंग फंड, रिफंडेबल डिपौजिट, इनके लिए संस्थान के बिल और रसीदों की जरूरत होती है.
- छात्र की विदेश यात्रा के लिए ट्रैवल अलाउंस
- अगर कोर्स पूरा करने के लिए कंप्यूटर खरीदना अनिवार्य हो तो उसकी खरीद का खर्च
- परीक्षा शुल्क, लाइब्रेरी और लैबोरेटरी शुल्क
एजुकेशन लोन पाने के लिए योग्यता
- आवेदक की उम्र 18 से 30 वर्ष के बीच हो.
- आवेदक भारतीय नागरिक हो.
- प्रवेश परीक्षा या चयन प्रक्रिया के जरिए व्यावसायिक या तकनीकी कोर्स में प्रवेश लिया गया हो.
- यह योजना केवल देश-विदेश के मान्यताप्राप्त तकनीकी और व्यावसायिक पाठय़क्रमों के लिए है.
- आवेदक पर किसी अन्य बैंक या बैंकों का ऋण बकाया न हो.
- शिक्षा ऋण के लिए केवल अपने नजदीकी बैंक की शाखा में अनुरोध किया जाना चाहिए.
गरीब छात्रों के लिए भी आसान लोन की व्यवस्था
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (कुल पारिवारिक आय सालाना 4.50 लाख रुपये से कम) के लिए मानव संसाधन विभाग की केंद्रीय योजनाओं के तहत कुछ प्रावधान हैं. इसके तहत भारत में तकनीकी और व्यावसायिक कोर्स के लिए एजुकेशन लोन के ब्याज पर सब्सिडी दी जाती है. यह पूंजी एक निश्चित समय के लिए दी जाती है.
शिक्षा ऋण के लिए जरूरी दस्तावेज
- आवेदन पत्र.
- उत्तीर्ण परीक्षा का अंक पत्र.
- प्रवेश प्रमाणपत्र, व्यय के विवरण तथा कोर्स की अवधि.
- शुल्क की संरचना (कौलेज/विश्वविद्यालय से प्राप्त प्रमाण-पत्र).
- दो पासपोर्ट साइज फोटो.
- उम्मीदवार/माता-पिता/अभिभावक तथा गारंटर (जो भी लागू हो) का पहचान पत्र (पासपोर्ट, आईडी कार्ड, मतदाता पहचान पत्र या पैन कार्ड).
- आवास प्रमाण-पत्र (राशन कार्ड या मतदाता पहचान- पत्र या पासपोर्ट अथवा बिजली या टेलीफोन बिल की फोटो कौपी अथवा बैंक द्वारा कोई अन्य स्वीकार्य प्रपत्र).
- गारंटर से जुड़े विवरण (जब ऋण की राशि 4 लाख रुपये से अधिक हो).
- ऋणकर्ता/गारंटर की आय का प्रमाण पत्र.
- माता-पिता/ अभिभावक की सह-जिम्मेदारी वाला कथन.
- इस आशय की घोषणा/ शपथ-पत्र कि किसी भी अन्य संस्थान से माता-पिता तथा छात्र-छात्र ने किसी प्रकार का ऋण नहीं लिया है.