वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना एक बेहतरीन विकल्प है. नौसिखियों के लिए शेयर बाजार कई बार जोखिम भरा साबित हो जाता है. इसलिए म्यूचुअल फंड से शुरुआत करना और इस में मजबूती से जमे रहना हमेशा समझदारी भरा कदम साबित होता है. आप अगर अनुशासित तरीके से निवेश करेंगे तो म्यूचुअल फंड हर हाल में बैंक के फिक्स डिपोजिट या अन्य माध्यमों से 1.5 गुना तक ज्यादा रिटर्न देगा. आसान शब्दों में कहा जाए तो अगर गलत फैसले हो जाएं तो भविष्य की फाइनेंशियल सिक्योरिटी के लिए की गई मेहनत कष्टदायी हो सकती है. दरअसल, निवेशकों का निवेश के जरिए रातोंरात अमीर बनने का सपना ही उन की बरबादी की वजह बनता है.
म्यूचुअल फंड में निवेश करने का फैसला तो निवेशक के ऊपर है, लेकिन सब से जरूरी चीज है म्यूचुअल फंड की नियमित मौनिटरिंग. यह मौनिटरिंग हफ्तेवार, मासिक या तिमाही हो सकती है. कई बार लोग लंबे समय के निवेश का मतलब यह समझ लेते हैं कि पैसा लगा दो और कई साल बाद उस पर नजर डालो. लेकिन निवेशक ने पैसा लगाया है तो उस की दशादिशा का ध्यान रखना भी निवेशक की ही जिम्मेदारी है. अगर वह खुद न कर पाए तब इनवेस्टमेंट मैनेजर की मदद ली जा सकती है. निवेश से संबंधित कोई भी फैसला करने से पहले यह जानना अहम है कि आप कितना जोखिम ले सकते हैं. इस बात पर गौर करें कि आप अपने निवेश के मूल्यांकन में उतारचढ़ाव को ले कर सहज रह पाएंगे या नहीं. निवेश में यह बात कोई माने नहीं रखती कि आप का पैसा इक्विटी में लगा हो और लघु अवधि के तेजी से बदलते हालात के चलते आप की रातों की नींद उड़े. लेकिन यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि आप का निवेश लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों को भी पूरा करने में मददगार साबित हो. म्यूचुअल फंड में निवेश के कई लाभ हैं.