अगर आप बैंकों के कार्य के बारे में थोड़ी भी समझ रखती हैं तो चेक बाउंस शब्द को पहले जरूर सुना होगा. आम तौर पर चेक बाउंस होने की दो वजहें होती हैं. एक तो खाताधारक के खाते में चेक पर लिखी राशि से कम पैसा होना और दूसरा है चेक पर किए गए हस्ताक्षर अकाउंट होल्डर के ओरिजिनल हस्ताक्षर से मैच न करना. इसके अलावा भी कुछ कारण हैं जिनके कारण चेक बाउंस होता है. जैसे अकाउंट नंबर मिसमैच होने पर भी चेक डिसऔनर्ड हो जाता है. चेक पर लिखी तारीख, डैमेज्ड चेक, या चेक के एक्सपायर हो जाने पर भी चेक बाउंस होता है.
खाते में पर्याप्त फंड ना होने की सूरत में बैंक खाताधारक से पेनाल्टी वसूलता है. अगल अलग बैंकों में ये चार्जेस अगल होते हैं. इस खबर में हम आपको कुछ प्रमुख बैंकों द्वारा लिए जाने वाले पेनाल्टी फिगर के बारे में बताएंगें.
एचडीएफसी बैंक
एचडीएफसी में अकाउंट में पर्याप्त राशि न होने की सूरत में चेक बाउंस होने पर बैंक 500 रुपये की पेनाल्टी लगाता है. फंड ट्रांसफर के चलते चेक रिटर्न होने पर यह चार्ज 300 रुपये होता है. तकनीकी कारणों से रिटर्न होने पर 50 रुपये जुर्माना लगता है.
भारतीय स्टेट बैंक
स्टेट बैंक अलग अलग धन राशि पर अलग अलग पेनाल्टी वसूलता है. 1 लाख तक के चेक पर स्टेट बैंक जीएसटी के साथ 150 रूपये की पेनाल्टी वसूलता है. वहीं 1 लाख से ऊपर के चेक पर यह शुल्क जीएसटी सहित 250 रुपये हो जाता है.
आईसीआईसीआई बैंक
आईसीआईसीआई में चेक बाउंस की सूरत में लगने वाली पेनाल्टी की रकम अलग अलग है. फाइनेंसियल कारणों से चेक रिटर्न होने पर 100 रुपये का चार्ज लगता है. कस्टमर की ओर से जारी किए गए चेक वित्तीय कारणों से वापस होने पर प्रति चेक 750 रुपये की कटौती की जाती है. वहीं वित्तीय कारणों से ट्रांसफर किए गए चेक के वापसी पर 350 रुपये देना पड़ता है.