इस भागती दौड़ती जिंदगी के बीच सभी अपनों का भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं. इस लिहाज से उन्हें साधारण इंश्योरैंस पौलिसी की तुलना में टर्म प्लान ज्यादा रास आ रहा है. इस का बड़ा कारण यह भी है कि इस की किस्त काफी कम है, जिस का फायदा उठाते हुए कंपनियों ने टर्म प्लान की जबरदस्त मार्केटिंग शुरू कर दी है. विशेषज्ञों की मानें तो किसी और इंश्योरैंस पौलिसी की तुलना में टर्म प्लान सब से कम प्रीमियम में ज्यादा कवर देता है. हालांकि इस का एक कारण यह भी है कि टर्म प्लान निवेश के लिहाज से नहीं लिया जाता है. ऐसे में पौलिसी का पूरा प्रीमियम जोखिम को कवर करने में ही जाता है. अगर आप भी टर्म प्लान की खरीदारी करने की सोच रहे हैं तो आप को कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा.
आप को कितने कवर की जरूरत है
टर्म प्लान लेने का एकमात्र मकसद यह है कि अगर परिवार के प्रमुख और कमाने वाले सदस्य की मृत्यु हो जाए तो उस पर आश्रित सदस्यों को जीवनयापन के लिए पर्याप्त धन मिल जाए. ऐसे में आप को प्लान लेते वक्त कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. मसलन, आप के परिवार के खर्च क्या हैं. परिवार में कोई शादीब्याह तो नहीं करना पड़ेगा और अंत में यह गौर करना होगा कि आप पर कोई लोन या फिर अन्य देनदारी तो नहीं है. अगर आप का कवर पर्याप्त नहीं है तो टर्म प्लान लेने का उद्देश्य खत्म हो जाएगा.
उदाहरण के तौर पर रवि शर्मा ने 12.5 लाख का इंश्योरैंस कवर लिया, क्योंकि उन का कार लोन 3 लाख था. इस के अलावा उन के परिवार में 3 सदस्य और हैं जिन का भविष्य भी सुरक्षित करना था. इस बारे में सर्टिफाइड फाइनैंशियल प्लानर सुमित कोठारी ने बताया कि वैसे तो एक नियम है कि आप को अपनी सालाना आय का 10 से 20 फीसदी तक का कवर लेना चाहिए, लेकिन इसे सटीक पैमाना नहीं माना जा सकता है, क्योंकि हर व्यक्ति की परिस्थितियां और जरूरतें अलगअलग होती हैं.