त्यौहारों का मौसम आते ही बाजारों में रौनक आ जाती है, फिर चाहे बाजार तंग गलियों में लगा हो या आपकी मुठ्ठी में कैद ई कौमर्स वेबसाइटों में. ऐसे दिनों में बाजारों में तरह तरह के औफर्स और डिसकाउंट की छड़ी लग जाती है. ये औफर्स हमेशा ग्राहकों को फायदा नहीं पहुंचाते, बल्कि कई बार इनकी शर्तें या छिपी बातों से ग्राहकों का नुकसान भी होता है. ऐसे में औनलाइन के साथ साथ सामान्य शौपिंग के दौरान भी आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए. ऐसा ना करने से औनलाइन साइटों या समान्य दुकानदारों के झांसे में आ कर आपका नुकसान हो सकता है. आम तौर पर दुकानदार कुछ ट्रिक्स अपनाते हैं जिससे वो ग्राहको को झांसा दे कर मोटा माल ऐंठते हैं. इसलिए जरूरी है कि आपको इसके बारे में जानकारी हो जिससे आप सुरक्षित रहें.
- तरीका 1
वस्तुओं के विज्ञापन से ग्राहकों को इमोश्नली अट्रैक्ट किया जाता है. कंपनियां ग्राहकों के इमोशन का फायदा उठा कर सामान बेचने की कोशिश करते हैं. जैसे रक्षाबंधन पर वो कहते हैं कि अपनी बहन को बताइए, आप उनसे कितना प्यार करते हैं. ऐसे में फिर आपको चौकलेट का डिब्बा खरीदने को कहा जाए या फिर कुछ और, आप ले ही लेंगी.
- तरीका 2
यह ट्रिक कपड़ों या जूते के उदाहरण से समझी जा सकती है. मान लीजिए आपने किसी जूते का विज्ञापन देखती हैं जो डिस्काउंट पर दिया जा रहा है. आपको पसंद भी है. अब आप उसे लेने साइट पर गई तो पाया कि जूता तो वहां है लेकिन आपके साइज का नहीं है. ठीक उसके नीचे आपको उससे मिलते-जुलते जूते दिखाए जाएंगे, जो आपको पसंद आ सकते हैं. आप देखेंगे कि उसपर डिस्काउंट तो नहीं है, लेकिन वह आपके साइज में मिल रहा है. ऐसे में अगर आपको सामान खरीदने की जल्दी है तो आप उसे खरीद भी लेंगी.
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