मार्केट लिंक्ड रिटर्न होने के बावजूद शॉर्ट टर्म डेट फंड्स इस मामले में काफी स्टेबल होते हैं और 1 से 3 साल बाद के लक्ष्यों को पूरा करने के लिहाज से बेहतरीन होते हैं. टैक्स के मामले में भी ये फिक्स्ड डिपॉजिट से बेहतर होते हैं.

छोटी अवधि के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बचत करने के लिहाज से बैंक डिपॉजिट्स को पसंदीदा इंस्ट्रूमेंट माना जाता है, लेकिन डेट म्यूचुअल फंड्स इनसे बेहतर विकल्प हो सकते हैं. अगर इन फंड्स में निवेश को तीन साल से अधिक समय तक बनाए रखा जाए तो ये टैक्स के लिहाज से भी निवेशकों को ज्यादा सहूलियत देते हैं. साथ ही, ये ज्यादा रिटर्न भी दे सकते हैं. हो सकता है कि आप कार खरीदने, विदेश में किसी जगह छुट्टियां मनाने के लिए जाने या अपने बच्चे के कॉलेज ऐडमिशन की फीस के लिए बचत कर रहे हों. आइए बेंगलुरु के वामन प्रभु के उदाहरण से इस बात को समझते हैं, जो 2-3 साल में कार खरीदने के लिए बचत कर रहे हैं. ]

शॉर्ट टर्म डेट फंड से उन्हें बैंक डिपॉजिट्स की तुलना में ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी और टैक्स एफिशंसी मिलेगी. प्रभु एक शॉर्ट टर्म डेट फंड में एसआईपी शुरू करना चाहते हैं. हालांकि निवेशक चाहें तो इन फंड्स में एकमुश्त रकम भी लगा सकते हैं. जेनी डिसूजा ने अपनी बेटी की फॉरन एजुकेशन के लिए करीब 7 लाख रुपये बचाए थे. उन्हें इस रकम की 16-18 महीनों में जरूरत पड़ सकती है. शॉर्ट टर्म डेट फंड उन्हें किसी फिक्स्ड टेनर में बांधे बगैर इस पैसे के निवेश की सहूलियत देगा.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...